बिहार चुनाव: VIP प्रमुख मुकेश सहनी को झटका! डिप्टी सीएम पद पर महागठबंधन ने लिया ये फैसला
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान कम होती दिख रही है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की डिप्टी सीएम पद की दावेदारी पर फिलहाल रोक लग गई है। महागठबंधन ने कहा है कि इस पर अंतिम फैसला चुनाव के बाद होगा। सहनी अधिक सीटों और डिप्टी सीएम पद की मांग कर रहे थे, लेकिन राजद और कांग्रेस फिलहाल तैयार नहीं हैं।

सुनील राज, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे से लेकर नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान अब धीरे-धीरे शांत होती दिख रही है। हालांकि, विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) प्रमुख मुकेश सहनी की डिप्टी सीएम पद की दावेदारी पर अभी विराम लग गया है। महागठबंधन ने साफ संकेत दिया है कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा।
वीआइपी संस्थापक सहनी लगातार महागठबंधन में सीटों पर ज्यादा दावेदारी और उप मुख्यमंत्री पद की मांग उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि वीआइपी को सम्मानजनक सीटें और सत्ता में साझेदारी दोनों मिलनी चाहिए।
उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाए, लेकिन राजद और कांग्रेस फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं। सूत्रों की माने तो सहनी की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार असहज थी।
उसी के दबाव की वजह से अब राजद भी सहनी की दावेदारी पर फिलहाल विराम लगा रहा है। राजद की ओर से कहा गया कि पहले चुनाव जीतने पर ध्यान दिया जाए, बाद में सभी दलों के योगदान के आधार पर जिम्मेदारियां तय होंगी।
आगे की राजनीति सेट कर रहे मुकेश
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुकेश सहनी की मांग भले ही समय से पहले हो, लेकिन वह अपने वोट बैंक की अहमियत जताकर भविष्य की सौदेबाजी मजबूत करना चाहते हैं। सहनी खुद को मछुआरा समाज का बड़ा चेहरा बताते हैं और 2020 में एनडीए के साथ रहते हुए भी उन्होंने कुछ सीटों पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था।
हालांकि, 2022 में एनडीए से अलग होने के बाद उनका राजनीतिक ग्राफ कुछ कमजोर हुआ, लेकिन वे फिर से खुद को निर्णायक भूमिका में लाने की कोशिश में हैं। महागठबंधन में अब सीटों पर सहमति बनने के बाद सभी दल प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं।
चुनाव जीतने पर फोकस
तेजस्वी यादव लगातार घटक दलों से संवाद बनाए हुए हैं, वहीं कांग्रेस भी अपने करीब 60 उम्मीदवारों की सूची पर जल्द मुहर लगाने वाली है। सहनी को इस बार 15-16 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। जानकार यह भी कहते हैं कि महागठबंधन फिलहाल किसी बड़े विवाद से बचना चाहता है।
इसलिए डिप्टी सीएम जैसे संवेदनशील पद पर अभी कोई घोषणा नहीं की जा रही। महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि हम सत्ता में आने से पहले नहीं, जीत के बाद तय करेंगे कि कौन कहां रहेगा।
कुल मिलाकर, महागठबंधन के भीतर अब टकराव की जगह तालमेल बढ़ता दिख रहा है। सहनी की दावेदारी पर फिलहाल विराम जरूर लग गया है, लेकिन आने वाले दिनों में यह तय होगा कि क्या मछुआरा समाज की राजनीतिक आवाज को सत्ता में बड़ा हिस्सा मिलेगा या यह मामला सिर्फ चुनावी वादे तक सीमित रहेगा।
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