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    NDA का चुनावी मंत्र: जननायक-जीविका-जंगलराज के सहारे बिहार फतह की तैयारी

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 01:04 PM (IST)

    बिहार के चुनावी मैदान में एनडीए जननायक कर्पूरी ठाकुर, जीविका और जंगलराज के मुद्दों को उठाकर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर कर्पूरी ठाकुर का अपमान करने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव के जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए देने के वादे पर नीतीश कुमार ने सवाल उठाए। एनडीए नेताओं ने जंगलराज की याद दिलाकर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

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    बिहार के चुनावी रण में एनडीए ने जननायक

    भुवनेश्वर वात्स्यायन,पटना। बिहार के चुनावी रण में एनडीए ने जननायक, जीविका और जंगल राज जैसे मुद्दे को मुखर कर दिया है। एनडीए का चुनावी संवाद इन तीन मुद्दों पर दिग्गज नेताओं ने ही आगे किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी सभाओं में ये मुद्दे आगे बढ़ रहे।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपने चुनावी अभियान का आरंभ जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव से किया। अपनी चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार और हम जैसे पिछड़े और गरीब परिवारों से निकले लोग मंच पर खड़े हैं। जननायक की उपाधि चोरी करने का मसला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों कर रहे।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लाेग जननायक का यह अपमान कभी नहीं भूलेंगे। दरअसल कांग्रेसियों ने राहुल गांधी को जननायक कह दिया था और पप्पू यादव ने राहुल गांधी की मौजूदगी में तेजस्वी यादव को जननायक कहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर से जुड़े मसले को अपने एक्स हैंडल पर विस्तार से लिखा।

    कांग्रेस पर सीधा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि हमलोगों ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की कई बार मांग की। कांग्रेस की सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया।

    राहुल गांधी को जननायक हने पर भी नीतीश मुखर हुए। उन्होंने लिखा कि कर्पूरी ठाकुर जैसे विराट व्यक्तित्व के अपमान पर राजद और महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों द्वारा मौन समर्थन करना शर्मनाक है। इतना ही नहीं एक काफी पुराने मसले को भी नीतीश कुमार ने आगे किया। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने वर्ष 1978 में सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग के लोगों को आठ तथा अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को 12 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया। उस समय कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था।


    एनडीए ने चुनावी रण में जीविका को भी मारक अंदाज में आगे किया है। यह मामला उस समय आगे बढ़ा जब महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने यह कहा कि उनकी सरकार बनी तो वह जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए देंगे। अगले ही दिन नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि अब कुछ लोग मतदान से कुछ दिन पहले जीविका दीदियों के नाम पर अपने परिवार की आजीविका तलाश रहे हैं।

    आधी आबादी के लिए चांद-तारे तोड़ कर लाने की बात कर रहे। जब मौका मिला था तो इनका ध्यान सेवा करने से अधिक मेवा खाने में लगा हुआ था। एनडीए के मंच से विस्तारपूर्वक जीविका दीदियों और उनकी उपलब्धियों की चर्चा हो रही।


    जंगलराज का मसला एनडीए के मंच पर फिर से आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली चुनावी सभा में कई बार जंगल राज का जिक्र किया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीवान की अपनी सभा में जंगल राज की बात कही।