Bihar Chunav: 'पहले की सरकार ने कमजोर वर्गों के लिए कुछ नहीं किया', नीतीश कुमार ने बताई साल 1993 की बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले की सरकार ने पिछड़े और कमजोर वर्गों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने वोट के लिए झूठे वादे करने और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। नीतीश ने अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों, आरक्षण और कल्याण योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमने कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति का समर्थन किया और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावासों का निर्माण कराया।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि बिहार में वर्ष 2005 से पहले की सरकार ने पिछड़े, अतिपिछड़े, अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित-महादलित, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और समाज के वंचित तबकों के उत्थान के लिये कोई काम नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में इन वर्गों को न तो उन्हें उचित मान-सम्मान दिया गया और न ही शासन में उन्हें किसी तरह की कोई महत्वपूर्ण भागीदारी दी गई। इन सभी वर्गों के बच्चे-बच्चियों में शिक्षा का घोर अभाव था, लेकिन उस वक्त जिन लोगों की सरकार थी, उन्होंने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नीतीश ने लिखा कि चुनाव के वक्त जब वोट लेने की बारी आती थी, तो झूठे वादे कर और डरा-धमका कर लाठी के बल पर इनका वोट ले लिया जाता था तथा सरकार बनने के बाद सत्ता में बैठे लोग खुद को मालिक समझने लगते थे और राजनीति में सिर्फ अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाने में लगे रहते थे।
वहीं 24 नवंबर, 2005 को राज्य में जब नई सरकार का गठन हुआ, तो हमलोगों ने न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के सभी वर्गों के लोगों के उत्थान एवं हर तबके के लोगों की तरक्की के लिए काम करना शुरू किया। पूरे बिहार को अपना परिवार मानकर सभी तबकों के विकास के लिए काम किया है।
समाज में पिछड़े, वंचित एवं निचले पायदान पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए विशेष कार्य किये गए हैं। इन परिवारों के बच्चे-बच्चियों के लिए अच्छी शिक्षा, युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार तथा समाज में उनके मान और सम्मान का पूरा ख्याल रखा गया।
नीतीश ने लिखा कि मुझे वो दिन याद है, जब वर्ष 1993 में मंडल कमीशन की तर्ज पर बिहार में अतिपिछड़ों और पिछड़ों को एक वर्ग में डालने की साजिश हो रही थी। तब मैंने स्पष्ट तौर पर इसका विरोध किया और बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के द्वारा बिहार में जो आरक्षण नीति लागू की गई है, उसमें अगर कोई छेड़-छाड़ होगी और उसमें यदि कोई परिवर्तन करने की कोशिश होगी, तो हर स्तर पर इसका विरोध किया जायेगा।
वर्ष 2006 में हमलोगों ने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। वहीं वर्ष 2016 में राज्य की न्यायिक सेवा में सीधी नियुक्ति में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत तथा पिछड़े वर्ग के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया।
इसके साथ ही वर्ष 2007-08 में पिछड़े वर्ग एवं अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का गठन किया गया। वित्तीय वर्ष 2008-09 में पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का वार्षिक योजना बजट मात्र 42.17 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 2025-26 में 1900 करोड़ रुपये हो गया है।
अतिपिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास का निर्माण कराया गया है, जहां रह कर लगभग 4,500 छात्र निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
इसके अलावा वर्ष 2018 से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों का निर्माण, छात्रावास अनुदान एवं मुफ्त अनाज तथा युवक-युवतियों को सिविल सेवा प्रोत्साहन, ग्राम परिवहन एवं उद्यमी योजना का लाभ दिया जा रहा है।

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