बिहार में सात महीने में NH पर 1.73 लाख वाहनों का कटा चालान, 26 करोड़ वसूला गया जुर्माना
बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जनवरी से जुलाई तक 1.73 लाख वाहनों का चालान किया गया और 26.27 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। ओवरस्पीडिंग मुख्य उल्लंघन था। 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं को 50% तक कम करने का लक्ष्य है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर इस साल जनवरी से जुलाई तक 1 लाख 73 हजार वाहनों का चालान काटा गया है।
इन वाहन चालकों पर 26 करोड़ 27 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इनमें सर्वाधिक चालान ओवरस्पीड से जुड़े हैं। इसके अलावा सीट बेल्ट नहीं लगाने, बीमा-फिटनेस फेल होने, गलत ओवरटेकिंग करने जैसे नियमाें के उल्लंघन पर भी जुर्माना लगाया गया है।
दरअसल, राज्य में होने वाली करीब 45 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं एनएच पर हो रही हैं। इनमें 72 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का कारण ओवरस्पीड पाई गई है। ऐसे में एनएच पर सड़क हादसे रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई गई है।
अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने बताया कि वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर कई स्तर पर सुधारात्मक प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। सड़क हादसे रोकने के लिए एनएच पर ऑटो के परिचालन की अनुमति नहीं दी जा रही।
तीन हजार किमी पर 67 वाहनों से गश्ती, 58 नए वाहनों की होगी खरीद
यातायात एडीजी ने बताया कि राज्य से गुजरने वाले तीन हजार किमी से अधिक लंबे एनएच पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 67 वाहनों से गश्ती की जा रही है।
इन पेट्रोलिंग वाहनों की मदद से ओवरस्पीड समेत अन्य यातायात नियमाें का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान काटा जा रहा है। जल्द ही 58 नए वाहनों की खरीद भी की जानी है, जो अगले एक-दो माह में पूरी हो जाएगी।
रूट से डायवर्ट हुए तो बंद हो जाएंगे गश्ती वाहन
एडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि एनएच पर गश्ती करने वाले वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजेशनिंग सिस्टम) लगाए जा रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि कौन से वाहन किस इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं।
इसमें यह व्यवस्था भी होगी कि जैसे ही गश्ती वाहन अपने निर्धारित रूट से अलग जाएंगे तो वह स्वत: बंद हो जाएंगे। ऐसे वाहनों की पटना मुख्यालय स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से निगरानी की जाएगी।
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