Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटना के जू में बनी देश की पहली नेचुरल लाइब्रेरी, घूमने के आनंद के साथ मिलेगा ज्ञान का खजाना

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 11:55 AM (IST)

    पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में देश की पहली नेचर लाइब्रेरी स्थापित की गई है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है। आठ लाख रुपये की लागत से बनी इस लाइब्रेरी का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यहां वन्यजीवों पेड़-पौधों और पर्यावरण से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है।

    Hero Image
    पटना जू की अनोखी लाइब्रेरी में प्रकृति संग सजी किताबों की दुनिया

    जागरण संवाददाता, पटना।राजधानी के संजय गांधी जैविक उद्यान लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां पर लोग जू का भ्रमण करने के साथ नेचर लाइब्रेरी का आनंद उठा रहे हैं। देश की पहली नेचर लाइब्रेरी का निर्माण यहां कराया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि इस लाइब्रेरी को तैयार कराने में आठ लाख रुपये की लागत आई थी। पूर्व के निदेशक सत्यजीत कुमार की देखरेख में इसका निर्माण कराया गया था। असम की बांस से तैयार लाइब्रेरी को और विकसित करने की योजना है।

    यहां पर स्क्रीन के जरिए देश के तमाम जू के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यहां पर मूल रूप से बच्चों के लिए रोचक पत्र-पत्रिकाएं हैं। इसके जरिए बच्चों में पर्यावरण और वन्य जीवों के प्रति जागरूकता पैदा करना है। लाइब्रेरी में विभिन्न प्रकार की जानकारी का संग्रह होगा।

    इसमें जीव जंतुओं, पेड़-पौधे और पर्यावरण से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है। लोगों को बैठने के लिए असम के बांस से तैयार टेबल कुर्सी बनाई गई है।

    लोगों को आकर्षित करने को लेकर खास तौर पर गौरैया की प्रतिकृति को अलग-अलग स्वरूपों में सजाया गया है। जू का भ्रमण करने के साथ लोग नेचर एजुकेशन लाइब्रेरी का अवलोकन कर ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। बीते वर्ष दो अक्टूबर का इसका शुभारंभ हुआ था।

    वन्य जीवों से जुड़ी पुस्तकों का किया गया है संग्रह

    पटना जू में नेचर एजुकेशन लाइब्रेरी के अलावा मुख्य लाइब्रेरी भी है। यहां पर वन्य जीवों से जुड़ी पुस्तकों के अलावा अन्य विषयों से जुड़ी पुस्तकों का संग्रह है। जू निदेशक हेमंत पाटिल ने कहा कि यहां पर जू भ्रमण करने आने वाले लोग यहां पर बैठ कर अपने पसंद की पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं।

    इसके लिए अतिरिक्त पैसे नहीं लिए जाते हैं। यहां पर पांच सौ से अधिक पुस्तकों का संग्रह है। अन्य पुस्तकों को मंगाने की योजना बन रही है।

    लाइब्रेरी में विवेक मेनन की पुस्तक इंडियन एनिमल, एसएच पार्टर की पुस्तक द बुक आफ इंडियन एनिमल, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972, एनिमल ला आफ इंडिया, पर्यावरण आज का भारतीय परिदृश्य समेत अन्य पुस्तक मौजूद है। प्रतिदिन यहां पर बड़ी संख्या में लोग बैठकर अध्ययन करते हैं।