जमाबंदी त्रुटि मामले पर पटना हाईकोर्ट सख्त, बिहार सरकार को लगाई फटकार के साथ जुर्माना भी
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जमाबंदी त्रुटि मामले में जवाब दाखिल न करने पर फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने सरकार को अंतिम मौका देते हुए एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने और विधिक सहायता कोष में जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह मामला शैलेंद्र कुमार की याचिका से जुड़ा है जिसमें जमाबंदी में त्रुटि सुधार की मांग की गई है।

जागरण संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने बार-बार आदेश के बावजूद राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सरकार को एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।
साथ ही शर्त लगाई है कि जवाब दाखिल करने से पहले सरकार को विधिक सहायता कोष में एक हजार रुपये जमा कराने होंगे। मामला शैलेंद्र कुमार की ओर से दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें उनकी जमाबंदी में त्रुटियों को सुधारने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने अदालत को बताया कि अप्रैल 2025 से अब तक हाईकोर्ट ने सरकार को तीन बार जवाब दाखिल करने का आदेश दिया, लेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। उल्टे राज्य की ओर से फिर समय मांगा गया। याचिका मूल रूप से दामोदर प्रसाद सिंह ने दायर की थी।
उन्होंने फुलवारीशरीफ मौजा के अंचल अधिकारी के समक्ष आवेदन देकर छूटी हुई जमाबंदी को सुधारने और लगान रसीद जारी करने की मांग की थी। अंचल अधिकारी ने नई जमाबंदी को मंजूरी भी दे दी, लेकिन रसीद में फिर त्रुटि हो गई, जिसे दूर नहीं किया गया।
दामोदर प्रसाद सिंह की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी दया देवी और पुत्र शैलेंद्र कुमार इस मामले में पक्षकार बन गए। अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार अब लीगल एड को जुर्माना अदा किए बिना जवाब दाखिल नहीं कर पाएगी। मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
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