Patna School New Timing: पटना में सभी स्कूलों का बदला समय, डीएम चंद्रशेखर ने पास किया ऑर्डर
Patna School Time Changed ठंड बढ़ने के कारण जिला दंडाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने पटना के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों के लिए समय बदलने का आदेश जारी कि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: ठंड बढ़ने से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। इसको देखते हुए जिला दंडाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों का समय बदलने का आदेश जारी किया है।
इसके अनुसार सुबह नौ बजे के पहले एवं शाम चार बजे के बाद सभी कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश दो से छह जनवरी तक के लिए प्रभावी रहेगा।
आदेश में उन्होंने कहा है कि जिले में ठंड बढ़ गई है। सुबह और शाम तापमान काफी कम रहता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
इसे देखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत जिले के सभी निजी एवं सरकारी विद्यालयों (प्री स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों समेत) में सभी कक्षाओं के लिए सुबह नौ बजे के पहले एवं शाम चार बजे के बाद शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
विद्यालय प्रबंधन को आदेशानुसार शैक्षणिक गतिविधियों को पुनर्निधारित करने को कहा गया है। प्री बोर्ड एवं बोर्ड की परीक्षा के लिए संचालित किए जाने वाली विशेष कक्षाओं एवं परीक्षाओं का संचालन इस आदेश से मुक्त रहेगा।
ऑटो व ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को ढोते पकड़े गए तो होगी कार्रवाई
भागलपुर में ऑटो व ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को ढोते हुए पकड़े गए तो चालक और मालिक दोनों पर परिवहन विभाग कार्रवाई करेगा। दरअसल, ये दोनों वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से उपयुक्त नहीं है। परिवहन विभाग ने स्कूली बच्चों के सुरक्षित सफर के लिए ऐसी सख्ती दिखाई है।
मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि अगर ऑटो और ई रिक्शा के माध्यम से स्कूली बच्चों को स्कूल लाया या पहुंचाया जा रहा है, तो ऐसे वाहन स्वामी को चिह्लित करते हुए उस पर कार्रवाई करें। इसको लेकर सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को पत्र भी जारी कर दिया गया है।
जिला मोटरयान निरीक्षक एसएन मिश्रा ने बताया कि जल्द ही जिला बल परिवहन समिति की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि ऑटो (थ्री-व्हीलर) व ई-रिक्शा नगरीय परिवहन में छोटी दूरी के लिए मंद गति का परिवहन का माध्यम है।
ड्राइवर एवं यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट पहनने की सुविधा नहीं
इसकी अधिकतम डिजाइन स्पीड 45-65 किलोमीटर प्रति घंटा है। दोनों वाहनों में सुरक्षा की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसमें ड्राइवर एवं यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट पहनने की सुविधा नहीं है।
ऊपर से अधिकांश थ्री-व्हीलर में क्षमता से अधिक यात्रियों का वहन होता है। इसलिए इसका परिचालन इसमें बैठे यात्रियो के लिए खतरनाक है। खासकर छोटे बच्चों के लिए या तो ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने विद्यालय वाहन परिचालन विनियमन लागू किया है।
जिसके तहत स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्कूल भेजना और वहां से पहुंचने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन, वाहन चालक सहित स्कूल वाहन आपरेटर एवं माता-पिता, अभिभावकों की तय की गई है।
इसलिए अगर स्कूली बच्चों को खुले ऑटो और ई-रिक्शा में ढोने के मामले की जानकारी मिलेगी, तो उस पर आवश्यक कार्रवाई होगी। इसके लिए अब जांच अभियान भी चलाया जाएगा।
ये भी पढ़ें

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।