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    Patna News: सरकारी विद्यालय पर नशेड़ियों का कब्जा, सूई-दवाई बिखरे पड़े; कई बच्चों ने छोड़ा स्कूल

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:46 PM (IST)

    पटना के एक सरकारी विद्यालय में नशेड़ियों का कब्जा होने से स्थिति गंभीर हो गई है। परिसर में सूई और दवाइयां बिखरी रहती हैं, जिसके कारण कई बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम होते ही विद्यालय नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। सुरक्षा की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खतरे में है।

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    स्कूल में बिखरे पड़े नशीली चीजें। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी। चौक थाना क्षेत्र के मंगल तालाब परिसर स्थित मालसलामी अंचल के प्राथमिक विद्यालय झुग्गी झोपड़ी बेगमपुर और प्राथमिक विद्यालय झुग्गी झोपड़ी मंगल तालाब के खतरनाक और जर्जर भवन को नशेड़ियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

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    स्कूल भवन में पठन-पाठन के दौरान भी नशेड़ियों का जमघट लगा रहता है। स्कूल की पहली मंजिल पर हर तरफ नशे की सूई, दवाई, सुलेसन व अन्य नशीली चीजें बिखरी हैं।

    इनके डर से कई अभिभावक बच्चों को विद्यालय नहीं भेजते हैं। कई बच्चों ने विद्यालय आना छोड़ दिया है। इस कारण इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम हो गई है।

    इन दो सरकारी विद्यालयों की यह हालत तब है जबकि कुछ ही दूरी पर मंगल तालाब परिसर में ही डीएसपी द्वितीय का कार्यालय है। हैरानी के साथ चिंताजनक बात तो यह है कि इसी विद्यालय परिसर में मालसलामी अंचल के विद्यालय अवर निरीक्षक का भी कार्यालय है। संकुल संसाधन केंद्र भी है।

    इन दोनों विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि बदमाशों और नशेड़ियों के डर से सभी चुप रहते हैं। प्राथमिक विद्यालय बेगमपुर में केवल 16 और प्राथमिक विद्यालय मंगल तालाब में केवल 15 बच्चे नामांकित हैं। इन दोनों स्कूलों में तीन-तीन शिक्षक कार्यरत हैं।

    शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय भवन खतरनाक तथा नशेड़ियों के कब्जे में होने के कारण बगल के काली स्थान मध्य विद्यालय के एक-एक कमरे में दोनों विद्यालयों की कक्षाएं संचालित की जाती हैं। वर्ग एक से लेकर पांच तक के बच्चों को एक कमरे में पढ़ाने की यहां केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है।

    अभिभावकों का कहना है कि जिस विद्यालयों में हर तरफ नशे का सामान फैला है। नशेड़ियों का कब्जा है। वहां बच्चे को पढ़ने के लिए भेजना खतरनाक है। बच्चे गलत संगत में पड़ जाएंगे।

    शिक्षकों ने बताया कि संपोषित क्षेत्र से काफी दूर विस्थापित किए गए इन दोनों विद्यालयों के खतरनाक भवन और व्यवस्था के कारण विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है। इन दोनों स्कूलों में नामांकित तीस बच्चों में से पांच से दस ही आते हैं।

    शिक्षक भी सहमे, नहीं की शिकायत

    काली स्थान मध्य विद्यालय मंगल तालाब परिसर में चार स्कूल चलता है। एक प्रधानाध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विद्यालय के पुराने भवन में आसपास के नशेड़ियों की जमघट रहती है। नशा करता है। नशे का फैला सामान देखा जा सकता है। हम टीचर दूर से आते हैं। नशेड़ी स्थानीय हैं।

    मारपीट या किसी तरह की बड़ी घटना को लेकर टीचर डरे सहमे रहते हैं। इसीलिए किसी प्रधानाध्यापक या शिक्षक ने विभाग या प्रशासन को इस संबंध में लिखित शिकायत कभी नहीं की है।