बिहार विधानसभा चुनाव: बिहार में सियासी पारा हाई... प्रशांत किशोर का बड़ा बयान
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद नेता तेजस्वी यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का जाना तय है और उनके गठबंधन के सभी उम्मीदवार हारेंगे। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी के माता-पिता के 15 साल के शासन को बिहार के पतन का कारण बताया।

डिजिटल डेस्क, पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद नीतीश कुमार का जाना तय है और उनके गठबंधन के सभी उम्मीदवारों की हार पक्की है।
प्रशांत किशोर के बयान के मुख्य बिंदु
- नीतीश कुमार पर तंज: प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार जिसको भी उम्मीदवार बना लें, सभी का हारना तय है, क्योंकि बिहार के लोगों ने उनके गठबंधन का जाना तय कर दिया है। उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद बिहार में नई व्यवस्था बन रही है और नीतीश कुमार की विदाई तय है।
- तेजस्वी यादव पर हमला: उन्होंने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके माता-पिता के 15 साल के शासन में बिहार गर्त में पहुंच गया और उनके 3 साल के डिप्टी सीएम कार्यकाल में गुंडागर्दी और लूट का राज चलाया गया। तेजस्वी यादव से सवाल पूछने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार के लिए क्या किया?
- दिलीप जायसवाल पर निशाना: प्रशांत किशोर ने कहा कि दिलीप जायसवाल चाहे जितनी भी मेरी तारीफ कर लें, वो छूटेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि जन सुराज की सरकार बनी तो बिहार के 100 सबसे भ्रष्ट नेता और अफसर जेल में होंगे और उनके परिवार से लूट का पैसा वसूला जाएगा।
जन सुराज की पहल
प्रशांत किशोर ने जन सुराज के माध्यम से बिहार में बदलाव की बात कही है और लोगों से समर्थन की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज की सरकार बनी तो बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध पर लगाम लगेगी और राज्य का विकास होगा।
बिहार की राजनीति में नई हलचल
प्रशांत किशोर के बयान से बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है। उनके बयान से साफ है कि वह बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अब देखना यह है कि बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की इस पहल का क्या असर होता है और राज्य के लोगों का क्या रुझान रहता है।
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