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    Rohini Acharya: मतगणना वाले दिन से ही लालू के घर में गहरा गया था विवाद, हार के बाद हुआ विस्फोट

    By Prashant SinghEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 08:36 AM (IST)

    लालू प्रसाद यादव के परिवार में विवाद मतगणना के दिन से ही शुरू हो गया था। रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) के कारण परिवार में मनमुटाव बढ़ गया, और चुनाव में हार के बाद यह विवाद खुलकर सामने आ गया। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद गहरा गए।

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    लालू परिवार में फूट। फाइल फोटो

    प्रशांत सिंह, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लालू परिवार में अब भाई-बहन के बीच मनभेद सतह पर आ गया है। यह एक-दूसरे का किया-धरा ‘उकट’ देने के स्तर तक है। बात लालू के किडनी ट्रांसप्लांट, बदले में करोड़ों लेने, गाली व चप्पल तक नीचे गिर गई है।

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    लालू यादव को अपनी किडनी देने वाली उनकी पुत्री रोहिणी आचार्य का दर्द एक्स हैंडल पर रविवार को भी कई बार छलका। वे आक्रोशित होने से कहीं अधिक आहत हैं। भारतीय परिवारों की शादीशुदा बेटी की तरह।

    उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा-‘किसी के घर में रोहिणी जैसी बेटी-बहन पैदा न हो...।’ मेरे अपमान पर मैं ही नहीं, मेरी मां (राबड़ी देवी), पिता (लालू प्रसाद यादव) भी रोये। सास ने सुना तो वह भी फफक पड़ीं।

    काउंटिंग के दिन ही हुई थी बहस

    सूत्र बताते हैं कि चुनाव परिणाम के बाद घर में काफी बहस हुई। सूत्र बताते हैं कि मतगणना के दिन भी जब तेज प्रताप चुनाव हार गए थे, तो देर रात लालू बाहर निकले थे। अगले दिन शनिवार को घर का वातावरण काफी बोझिल हो गया था, जब रोहिणी प्रकरण हुआ। इन सबके बीच तेजस्वी बिल्कुल शांत हैं। लालू परिवार में मतभेद व मनभेद नया नहीं है।

    मई 2018 में तेज प्रताप से शादी के कुछ माह बाद ही ऐश्वर्या राय रोते हुए ससुराल से निकली थीं, तब उनकी पीड़ा भी सुर्खियां बनी थीं। सामाजिक स्तर पर सुलह व पंचायती के प्रयास निष्फल हुए तो बात कोर्ट तक पहुंच गई, जिसकी सुनवाई चल रही है। उसी घर से एक बेटी डबडबाई आंखें लिए घर से निकली है।

    वजह पार्टी की हार की जवाबदेही लेने की बाबत साफगोई से कही गईं बातों के बदले मिला अपमान है। कहा, मेरा मायका छुड़वा दिया गया। यह बात फिर समाज व लालू समर्थकों के सामने है। इस बीच रविवार दोपहर बाद लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने कहा कि बहन रोहिणी के साथ अन्याय का नतीजा बहुत भयावह होगा।

    पहले से चल रही खटपट

    लालू परिवार में भाई-भाई के बाद भाई-बहन के बीच इस ताजा विवाद के कारण यह बात साफ हो गई है कि कुनबा एकजुट नहीं रह गया। तेज प्रताप के शब्दों में विवाद की जड़ में पार्टी के जयचंद हैं, जिन्हें वह विधानसभा चुनाव के पहले परिवार व पार्टी से स्वयं के निष्कासन की वजह बताते हैं।

    रोहिणी की पटकथा व किरदार भी कमोवेश वही हैं। लालू ने जब छोटे पुत्र तेजस्वी को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था तो तेज प्रताप ने स्वयं को कृष्ण और उन्हें अर्जुन कहकर पार्टी में अपनी भूमिका थिंक टैंक के तौर पर तय करने का प्रयास किया था। परंतु, ऐसा हो नहीं सका, तेजस्वी की ओर से ठंडी प्रतिक्रिया भी नहीं मिली।

    उन्होंने अपने पुराने मित्र संजय यादव को राज्यसभा सदस्य का रुतबा दिया और रणनीतिकार की तरह स्थापित कर दिया, जहां तेज प्रताप के लिए जगह नहीं थी। इस बीच तेज प्रताप के साथ इंटरनेट मीडिया पर प्रेमिका की फोटो प्रसारित हो गई, लालू पर इसका नैतिक दबाव पड़ा और इसने उनके निष्कासन का आधार तय कर दिया।

    रोहिणी के साथ ऐसी परिस्थितियां नहीं हैं, उनको लेकर लालू पर केवल बेटी होने का ही नहीं, बल्कि किडनी दान करके जीवनदान देने का उल्टा नैतिक दबाव है।

    ऐसे में देखना होगा कि रोहिणी के स्वनिष्कासन पर लालू कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, उनका निर्णय क्या होता है। विरोधी दलों की ओर से इस प्रकरण पर कई प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं।

    Rohini Acharya Husband 

    गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य का विवाह 2002 में समरेश सिंह से हुआ था। उनके श्वसुर आयकर के बड़े अधिकारी रहे हैं। समरेश पहले अमेरिका में रहते थे, फिर सिंगापुर चले गए।

    अभी वहां एवरकोर में निवेश बैंकिंग, विलय एवं अधिग्रहण के प्रबंध निदेशक हैं। वहां अपनी पत्नी रोहिणी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं। मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं। रोहिणी ने यह भी कहा है कि उनके साथ मायके में जो हुआ, उससे उनकी सास भी दुखी हैं। वे रो रही हैं