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    अब स्‍कूल स्‍तर पर स्‍क‍िल डेवलपेंट, Bihar के सभी 9360 हाईस्कूलों में होने जा रही खास व्‍यवस्‍था

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 06:50 PM (IST)

    बिहार के सभी 9360 हाई स्कूलों में अब स्कूल स्तर पर स्किल डेवलपमेंट की विशेष व्यवस्था की जा रही है। शिक्षा विभाग ने छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत स्कूलों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को विभिन्न प्रकार के कौशल सीखने का अवसर मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इस योजना को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

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    छात्रों को स्‍कूल स्‍तर से दिया जाएगा प्रश‍िक्षण। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की नई सरकार में युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास पर तेजी से काम शुरू होने जा रहा है।

    कौशल विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर कार्य योजना और स्कूली छात्र-छात्राओं को करियर काउंसलिंग से लेकर कौशल विकास के बारे में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है।

    इसकी पहल श्रम संसाधन विभाग ने शुरू कर दी है। प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण शीघ्र शुरू किया जाएगा।

    इसे लेकर श्रम संसाधन विभाग के सचिव और बिहार कौशल विकास मिशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दीपक आनंद ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. बी. राजेन्दर को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा है।

    माध्यमिक कक्षाओं से ही युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने को प्राथमिकता

    सचिव दीपक आनंद द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में माध्यमिक कक्षाओं में कौशल विकास को प्राथमिकता देनी होगी।

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    इसके मद्देनजर श्रम संसाधन विभाग ने राज्य के सभी 9360 सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कौशल-संबंधित गतिविधियों के संचालन हेतु आवश्यक स्थान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

    दीपक आनंद के मुताबिक विभाग का यह पहल शिक्षा और कौशल विकास के एकीकृत माडल की ओर राज्य सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

    बिहार कौशल विकास मिशन राज्य के युवाओं को रोजगारोन्मुखी एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहा है।

    साइकोमेट्रिक असेसमेंट, करियर काउंसलिंग और इंडस्ट्री डिमांड ड्रिवन ट्रेनिंग जैसी गतिविधियां युवाओं की योग्यता और रुचि के अनुरूप उन्हें बेहतर दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

    इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिससे युवाओं में रोजगार के अवसरों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

    युवाओं की क्षमता के आधार पर प्रशिक्षण व्यवस्था

    शिक्षा विभाग ने आग्रह किया गया है कि प्रदेश के हर उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक या दो क्लासरूम (न्यूनतम 500 वर्गफुट क्षेत्रफल) उपलब्ध कराया जाए, जहां छात्र-छात्राओं को कौशल, रोजगार-तत्परता और करियर जागरूकता से जुड़ी गतिविधियां सुचारू रूप से चलाई जा सकें।

    इन स्थानों का उपयोग साफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण, फिनिशिंग स्कूल गतिविधियां, प्रतियोगिता तथा विभिन्न इंडस्ट्री आधारित ट्रेनिंग सत्रों के लिए किया जाएगा।

    इससे विद्यार्थियों को प्रारंभिक स्तर पर ही अपनी क्षमताओं की पहचान करने और सही करियर मार्ग की ओर अग्रसर होने में सहायता मिलेगी।

    दोनों विभागों के बीच यह समन्वित प्रयास छात्रों को दीर्घकालीन करियर अवसरों को समझने, चुनने और उनके लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। विद्यालय स्तर पर इस प्रकार की पहल न केवल छात्रों की कौशल क्षमता बढ़ाएगी, बल्कि भविष्य के रोजगार बाजार के लिए उन्हें बेहतर तरीके से तैयार करेगी।