Bihar Politics: बिहार में तेजस्वी को कांग्रेस की दो-टूक- अभी भी संभल जाइए, अन्यथा अब टूट जाएगा महागठबंधन
Bihar Politics बिहार विधानसभा उपचुनाव की दो सीटों पर महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस व आरजेडी आमने-सामने दिख रहे हैं। दोनों में कोई झुकने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि महागठबंधन टूट जाए। इस मामले में नया क्या है जानिए इस खबर में।

पटना, स्टेट ब्यूरो। Bihar Politics बिहार में कांग्रेस (Congress) व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के रिश्ते की तल्खी और बढ़ गई है। बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) को लेकर कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के दोस्ताना संघर्ष (Friendly Fight) के दावे को खारिज करते हुए आरजेडी को आखिरी चेतावनी (Last Warning) दी है। रविवार को दिल्ली से पटना आते ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्तचरण दास (Bhakta Charan Das) ने आरजेडी को कड़े लहजे में कह दिया कि यह दोस्ताना संघर्ष बिल्कुल नहीं है, आमने-सामने की लड़ाई (Direct Fight) है। कांग्रेस को गठबंधन में बनाए रखना है तो आरजेडी को कुशेश्वरस्थान से अपना प्रत्याशी वापस लेना ही होगा। उन्होंने तेजस्वी पर यह भी इल्जाम लगाया कि आरजेडी बिहार में कांग्रेस को कमजोर करने में लगा हुआ है। भक्तचरण ने कहा कि आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन रहेगा या नहीं, यह फैसला दो दिन बाद हो जाएगा। आरजेडी ने कुशेश्वरस्थान से प्रत्याशी वापस नहीं लिया तो कांग्रेस मुकाबले के लिए तैयार है।
कांग्रेस की तेजस्वी को दो-टूक, यह गठबंधन का अपमान
पटना पहुंचे बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने तेजस्वी यादव के लिए दो-टूक संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि आरजेडी ने बिहार में कांग्रेस के साथ गठबंधन का अपमान किया है। बिहार में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। अगर कांग्रेस कुशेश्वरस्थान की सीट जीत जाती है तो उसके विधायक 19 से 20 होते। बिहार में कांग्रेस की मजबूती से महागठबंधन हीं मजबूत होगा और इससे आरजेडी को भी लाभ पहुंचेगा। भक्त चरण दास ने बताया कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव से कहा था कि आरजेडी बिहार में कांग्रेस को कमजोर करने में लगा है।
कुशेश्वरस्थान की सीट या कांग्रेस का साथ, चुन ले आरजेडी
तेजस्वी यादव द्वारा विधानसभा उपचुनाव में तारापुर और कुशेश्वरस्थान की सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने को लेकर जानकारी दिए जाने की बाबत उन्होंने कहा कि केवल जानकारी देने का कोई अर्थ नहीं होता है। आरजेडी ने समझौते की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि अगर आरजेडी कुशेश्वर स्थान सीट से अपने उम्मीदवार का नाम वापस नहीं लेता है तब कांग्रेस बैठक कर महागठबंधन से अलग होने के बारे में बड़ा फैसला ले सकती है। अब आरजेडी को कुशेश्वरस्थान की सीट चाहिए या कांग्रेस का साथ, वह फैसला कर ले।
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