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    Tej Pratap Yadav: 'मेरे ऊपर लालू यादव की छत्रछाया नहीं', तेजप्रताप यादव ने राहुल-तेजस्वी पर बोला हमला

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 12:43 PM (IST)

    बिहार की राजनीति में तेज प्रताप यादव के एक बयान ने खलबली मचा दी है। उन्होंने कहा कि अब वे लालू यादव के संरक्षण में नहीं हैं और अपनी मेहनत से राजनीति करेंगे। तेज प्रताप ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सच्चे जननायक वही हैं जिन्होंने समाज के लिए काम किया। इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल है और आरजेडी में तनाव बढ़ने की आशंका है।

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    तेजप्रताप यादव ने राहुल-तेजस्वी पर बोला हमला

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू यादव परिवार सुर्खियों में है। जनशक्ति जनता दल प्रमुख तेज प्रताप यादव ने अपने बयान से एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। तेजप्रताप ने साफ कहा कि अब वे अपने पिता लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में नहीं हैं और वे अपने दम पर राजनीति करेंगे।

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    तेजप्रताप यादव ने कहा, “लालू जी जननायक थे, लेकिन आज वे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को मार्गदर्शन देते हैं। मुझे वह मार्गदर्शन नहीं मिलता। मेरा मार्गदर्शन बिहार के गरीबों और युवाओं से आता है। मैं अपने बल पर काम करूंगा और परिणाम दिखाऊंगा।”

    उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग खुद को “जननायक” कहते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। तेजप्रताप ने कहा, “कर्पूरी ठाकुर, राम मनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी ही सच्चे जननायक हैं। उन्होंने समाज और देश के लिए काम किया, इसलिए उन्हें जननायक कहा जाता है।”

    तेजप्रताप का यह बयान स्पष्ट रूप से उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना माना जा रहा है। हाल के महीनों में तेजप्रताप यादव लगातार यह जताते आए हैं कि वे पारंपरिक पारिवारिक राजनीति से अलग अपनी राह बनाना चाहते हैं।

    राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजप्रताप अपने नए संगठन जनशक्ति जनता दल (JJD) के माध्यम से युवाओं और हाशिये पर खड़े वर्गों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। वे खुद को “जनता का नेता” के रूप में पेश करना चाहते हैं, जबकि परिवार की राजनीतिक विरासत से दूरी बना रहे हैं।

    बयान के बाद से बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। आरजेडी खेमे से हालांकि इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने में यह माना जा रहा है कि तेजप्रताप का यह रुख यादव परिवार में बढ़ती राजनीतिक खींचतान को और उजागर करता है।

    तेजप्रताप यादव के इस बयान से यह साफ है कि वे अब अपने पिता और भाई से अलग एक स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने के इरादे से मैदान में उतर चुके हैं।