तेजस्वी का ‘क्रिकेटिया दोस्त’, जिसने लालू परिवार में आग लगा दी! कौन है रमीज नेमत खान, जिसका नाम रोहिणी ने तीर की तरह चलाया?
लालू परिवार में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तेजस्वी यादव के एक करीबी दोस्त रमीज नेमत खान को लेकर परिवार में दरार आ गई है। रोहिणी आचार्य ने रमीज पर परिवार में फूट डालने का आरोप लगाया है, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। इस आंतरिक कलह का असर बिहार की राजनीति पर भी पड़ सकता है।

रमीज नेमत खान जिसने लगा दी परिवार में आग
डिजिटल न्यूज, पटना।हाल में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद लालू प्रसाद के परिवार में उठे भूचाल की सबसे तेज़ आवाज उनकी बेटी रोहिणी आचार्या की है।
किडनी दान कर पिता को नया जीवन देनेवाली रोहिणी ने सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया इंटरव्यू के माध्यम से में परिवार छोड़ने की घोषणा कर दी। उनके इस फैसले की जड़ में दो नाम हैं- संजय यादव और रमीज नेमत खान।
संजय यादव तो लंबे समय से तेजस्वी के रणनीतिक सलाहकार और राज्यसभा सांसद के रूप में चर्चित रहे हैं, मगर दूसरा नाम रमीज अब पूरे बिहार की राजनीति में बड़ा सवाल बन गया है, आखिर कौन है यह रमीज, जिसका नाम लेने मात्र से लालू परिवार हिल उठा है?
क्रिकेट वाली दोस्ती, तेजस्वी के 'इनर सर्किल' तक पहुंचा रमीज
रमीज नेमत खान वह चेहरा है जो अब तक राजनीति की रोशनी से दूर रहकर भी तेजस्वी यादव की “कोर टीम” का हिस्सा था। वह तेजस्वी का पुराना क्रिकेटिया दोस्त है।
इनकी दोस्ती का रिश्ता क्रिकेट के मैदान पर शुरू हुआ और धीरे-धीरे रमीज तेजस्वी के निजी कैंप में शामिल होता गया।
सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी की सोशल मीडिया, कैंपेन प्लानिंग और डिजिटल स्ट्रेटेजी के मैनेजमेंट में रमीज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। कई लोग उसे तेजस्वी के ‘बैकग्राउंड वार रूम’ के अहम चेहरों में गिनते हैं।
UP के सियासी घराने से ताल्लुक, पूर्व सांसद का दामाद
रमीज का संबंध उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (अब श्रावस्ती) से है। वह यहां के चर्चित नेता और पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर का दामाद है।
रिज़वान ज़हीर सपा के टिकट पर दो बार सांसद, कई बार विधायक और यूपी की राजनीतिक जमीन पर एक प्रभावशाली लेकिन विवादित चेहरा रहे हैं।
यानी रमीज सिर्फ क्रिकेटिया दोस्त नहीं, बल्कि दो राज्यों की राजनीति का मिला-जुला अनुभव रखने वाला व्यक्ति माना जाता है।
हत्या से लेकर चुनावी हिंसा तक—11 आपराधिक मामले
रमीज का नाम सिर्फ राजनीति या सोशल मीडिया मैनेजमेंट तक सीमित नहीं है। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और चुनावी हिंसा समेत करीब 11 गंभीर मामले दर्ज हैं।
कुछ मामलों में वह आरोपी और कुछ में चल रही सुनवाई का हिस्सा है। प्रतापगढ़ के एक ठेकेदार की हत्या और बलरामपुर में एक राजनीतिक हमले में भी उसका नाम सामने आया था।
इन्हीं वजहों से वह तेजस्वी की “कोर टीम” में होने के बावजूद अब तक मीडिया की सुर्खियों से दूर था। लेकिन रोहिणी के आरोपों ने लाइमलाइट से दूर इस नाम को अचानक बिहार की राजनीति के केंद्र में ला दिया।
रोहिणी का आरोप...रमीज और संजय ने ‘परिवार में दखल’ बढ़ाया
रोहिणी आचार्या ने साफ कहा कि संजय और रमीज जैसे लोग लालू परिवार पर हावी हो गए हैं। उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया कि उन्हें घर से निकल जाने तक के लिए कहा गया।
रोहिणी का ये बयान न सिर्फ निजी पीड़ा का इज़हार है, बल्कि यह भी दिखाता है कि RJD की चुनावी राजनीति के अंदर एक ‘नया पावर सेंटर’ बन चुका है, जिसमें रमीज अहम भूमिका निभा रहा है।
RJD की हार के बाद सबसे बड़ा सवाल
अब सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि RJD की करारी हार के बाद क्या तेजस्वी यादव अपने ‘क्रिकेटिया–डिजिटल सर्किल’ पर ज़रूरत से ज़्यादा विश्वास कर रहे हैं?
और क्या रमीज नेमत खान की मौजूदगी ने परिवार की पुरानी राजनीतिक धुरी को तोड़ दिया है?
रोहिणी का इन लोगों का नाम लेने से साफ है, RJD के भीतर संघर्ष सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि ‘नियंत्रण और प्रभाव की लड़ाई’ भी है।
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