राज्य में कौशल विकास से लखपति बनेंगी बारह लाख महिलाएं, दी जा रही हैं डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग
श्रम संसाधन विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी बताया कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कौशल विकास हेतु केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय से भी मदद लेने का प्रस्ताव तैयार किया गया है क्योंकि बीते माह मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद देने की सहमति दी है।

दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य में महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए यूं तो नीतीश सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन अब महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कौशल विकास पर तेजी लाने हेतु श्रम संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
दोनों विभागों ने तय किया है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आवश्यक विधाओं में कौशल प्रशिक्षण देकर कार्य कुशलता बढ़ाई जाए। इसके लिए नए सिरे से पाठ्यक्रम भी तैयार किए जा रहे हैं। इसके जरिये बारह लाख महिलाओं को उनके कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी की श्रेणी में लाया जा सके।
श्रम संसाधन विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी बताया कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कौशल विकास हेतु केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय से भी मदद लेने का प्रस्ताव तैयार किया गया है क्योंकि बीते माह मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद देने की सहमति दी है। अगले पांच वर्षों में बिहार में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 12 लाख से अधिक महिलाओं को कौशल विकास करने का लक्ष्य है। इस पर 345 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
दसवीं-बारहवीं पास महिलाओं को डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग
चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही जीविका से जुड़ी कक्षा दसवीं-बारहवीं या स्नातक पास महिलाओं को डिजिटल मार्केटिंग और ई-कामर्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। तैयार किए जा रहे ट्रेनिंग कंटेंट और पाठ्यक्रम में डिजिटल मार्केटिंग एंड ई-कामर्स, वित्तीय प्रबंधन, आनलाइन सर्विस, फूड इंडस्ट्री, आधुनिक कृषि, ड्रोन तकनीक, हेल्थ केयर, सप्लाई चेन, लाजिस्टिक को शामिल किया जा रहा है, जो महिलाओं की क्षमता को इतना विकसित कर सकते हैं कि वे अपने समूह के कारोबार को बढ़ाने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ा सकें। जाहिर है, कौशल विकास से महिलाओं की कार्य कुशलता को बढ़ावा मिलेगा, इससे उनकी आय बढ़ना भी स्वाभाविक है।
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