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    Blood Cancer: खून के कैंसर की पहचान करेगा बोन मैरो टेस्ट, पूर्णिया के मेडिकल कॉलेज में मिलेगी सुविधा

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 04:30 PM (IST)

    बोन मैरो टेस्ट को बोन मैरो एस्पिरेशन और बायोप्सी भी कहा जाता है। रक्त और मज्जा रोगों जैसे कि कई प्रकार के कैंसर और रक्त विकारों का निदान और निगरानी करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण रक्त कोशिकाओं की असामान्यताओं का पता लगाने बोन मैरो की स्थिति का आकलन करने और उपचार की प्रभावशीलता की निगरानी करने में मदद करता है।

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    खून के कैंसर की पहचान करेगा बोन मैरो टेस्ट, मेडिकल कॉलेज में मिलेगी सुविधा

    दीपक शरण, पूर्णिया। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग में अब बोन मैरो जांच की सुविधा भी प्राप्त होगी। इस संबंध में जीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. हरि शंकर मिश्र ने बताया कि पैथोलॉजी विभाग में एक-दो दिनों के अंतर जांच प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए विभाग में सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। यह जांच काफी उपयोगी है जो कैंसर की पहचान और इलाज के लिए तो उपयोगी है।

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    साथ ही रक्त विकार से संबंधी जांच में भी कारगर होती है। इतना ही नहीं कई बार मलेरिया और कालाजार सामान्य जांच में पता नहीं चल पाता है तो इसके लिए भी यह जांच उपयोगी होती है।

    क्या है बोन मैरो टेस्ट?

    इसे बोन मैरो एस्पिरेशन और बायोप्सी भी कहा जाता है। रक्त और मज्जा रोगों, जैसे कि कई प्रकार के कैंसर और रक्त विकारों का निदान और निगरानी करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण रक्त कोशिकाओं की असामान्यताओं का पता लगाने, बोन मैरो की स्थिति का आकलन करने और उपचार की प्रभावशीलता की निगरानी करने में मदद करता है।

    क्या-क्या है लाभ?

    यह परीक्षण ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा जैसे रक्त कैंसर और अन्य रक्त विकारों का पता लगाने में मदद सरता है। यह बीमारी की स्थिति की निगरानी और उपचार का प्रभाव का आकलन कर सकता है। बोन मैरो टेस्ट बोन मैरो में संक्रमण का पता लगाने में भी मदद कर सकता है।

    कैसे किया जाता है यह टेस्ट?

    चिकित्सक बोन मैरो का एक छोटा नमूना लेते हैं। आमतौर पर कूल्हे की हड्डी के पीछे से नमूना लिया जाता है। चिकित्सक एक बड़ी सुई का उपयोग करके बोन मैरो का एक छोटा सा टुकड़ा निकालते हैं।

    डॉ. हरिशंकर मिश्र ने बताया कि बोन मैरो से पानी निकाल कर शरीर में हो रही खून की कमी का पता चल जाता है। इसे स्पिरेशन जांच करते हैं। बीमारी की वजह पता करने के लिए बोनमैरो की बायोप्सी भी हो सकती है। जिन मरीजों में खून की कमी हो, प्लेटलेट्स कम बनें, आरबीसी और डब्लूबीसी की कमी हो, वजन घट रहा हो, शरीर में दर्द रहता हो या चकत्ते पड़े तो बोन मैरो की जांच करवाना चाहिए। यह खून में मौजूद कैंसर का पता लगाने में सबसे सटीक जांच है। इससे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा जैसे ब्लड कैंसर का पता चल सकता है।

    बोन मैरो टेस्ट कैंसर समेत कई तरह की बीमारियों के इलाज में उपयोगी साबित होता है। मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में यह जांच होगी। यह जांच ब्लड कैंसर, खून नहीं बनना, मलेरिया, कालाजार आदि रोगों का पता लगाने में काफी उपयोगी साबित होती है। - डॉ. हरिशंकर मिश्र, प्राचार्य, जीएमसीएच