Bihar Election Result 2025: गांव-गांव में बढ़ा रोमांच, बच्चे भी पूछ रहे,‘आज कौन जीतेगा’
Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से पहले सूर्यपुरा में उत्सव का माहौल है। हर कोई सरकार किसकी बनेगी, इस पर चर्चा कर रहा है। बच्चे चुनावी खेल खेल रहे हैं, महिलाएं टीवी देख रही हैं, और चाय की दुकानों पर बहस चल रही है। लोग परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि यह चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है।

संवाद सूत्र, सूर्यपुरा, पटना। Bihar Election Result 2025 बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले पूरे प्रखंड में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। छोटे-बड़े सभी लोग इस राजनीतिक उत्साह में शामिल हैं। बाजारों में दुकानदार और ग्राहक, बस स्टैंड पर लोग और चौपाल में ग्रामीण हर जगह चर्चा का एक ही विषय है: “कौन बनेगा अगली बार सरकार?”
गांव की गलियों में बच्चे भी इस चुनावी माहौल में पूरी तरह रंग गए हैं। खेल-खेल में वे “गिनती का खेल” खेल रहे हैं। कहीं कोई चुनावी बूथ बनाकर वोट गिनने की एक्टिंग कर रहा है, तो कोई जीत का जश्न मनाने का नाटक कर रहा है। बच्चे चहकते हुए पूछ रहे हैं, “आज कौन जीतेगा?” और उनके चेहरे पर मासूम उत्सुकता साफ दिख रही है।
महिलाओं की भी उत्सुकता कम नहीं है। गृहणियां अपने रोजमर्रा के काम के बीच बार-बार टीवी या मोबाइल की ओर नजर डाल रही हैं। एक महिला मुस्कराते हुए बताती हैं, “कल देखब कि हमर वोट केतना असर कइलस।” चाय की दुकानों, बस स्टैंड और पंचायत चौपालों में लोग एक-दूसरे से परिणाम के रुझानों पर बहस कर रहे हैं और हर कोई अपने अंदाज में भविष्य का अनुमान लगा रहा है।
सूर्यपुरा जैसे छोटे कस्बों में भी लोग पूरी तैयारी के साथ बैठे हैं। कई घरों में टीवी, मोबाइल और लैपटॉप खुले रखे गए हैं ताकि जैसे ही परिणाम आए, खुशी या निराशा तुरंत साझा की जा सके। युवाओं और बुजुर्गों का उत्साह बराबर है, और लोकतंत्र के इस महापर्व का रोमांच हर चेहरे पर झलक रहा है।
चुनावी नतीजे सिर्फ सत्ता के निर्धारण का माध्यम नहीं बल्कि लोगों के बीच राजनीतिक जागरूकता और लोकतांत्रिक उत्साह को भी नई ऊर्जा दे रहे हैं। मतदाता न सिर्फ परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, बल्कि इस प्रक्रिया का हिस्सा बनकर लोकतंत्र की ताकत का अनुभव भी कर रहे हैं।
सूर्यपुरा के लोग यह उम्मीद जताते हैं कि चाहे जो भी परिणाम आए, उनकी भागीदारी लोकतंत्र में बदलाव की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी। गांव-गांव में यह उत्साह और चर्चा यह दर्शाती है कि चुनाव केवल राजनीति नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए उत्सव का अवसर भी बन गया है।

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