काराकाट की 3 प्रतिशत महिलाएं मौत के मुहाने पर, शरीर में मात्र 7 ग्राम खून
काराकाट में एक चिंताजनक स्वास्थ्य संकट सामने आया है, जहाँ लगभग 3% महिलाएं गंभीर रूप से खून की कमी से जूझ रही हैं, उनके शरीर में केवल 7 ग्राम खून बचा है। यह स्थिति पोषण की कमी और अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं के कारण उत्पन्न हुई है। विशेषज्ञों ने तत्काल चिकित्सा सहायता और पोषण सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

एनीमिया के लक्षण
मुक्ति नाथ पांडेय, काराकाट। एनीमिया जैसी असाधारण बीमारी से महिलाओं व बच्चों को उबारने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग लगातार जतन कर रही है। विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाकर महिला व प्रसूताओं की स्वास्थ्य जांच के साथ उन्हें दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
बावजूद अकेले काराकाट प्रखण्ड में तीन प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिला गम्भीर स्थिति में इससे ग्रसित पाई गई हैं। हलाकि पिछले वर्ष की तुलना में कमी भी आई है।
17 महिलाओं में मात्र सात ग्राम खून
विभागीय आंकड़े के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से सितम्बर माह तक हुई स्वास्थ्य जांच के दौरान 480 में से कुल 17 गर्भवती यानी लगभग तीन प्रतिशत महिलाओं में यह बीमारी गम्भीर स्थिति में पाया गया है। इनमें मात्र सात ग्राम रक्त पाए गए हैं। जबकि नौ ग्राम तक 55 महिला शामिल हैं।
हालांकि अप्रैल 2025 से सितम्बर के बीच यह संख्या 17 से घट कर छह पर पहुंच गया है। जबकि 2024 में केवल अप्रैल से नवम्बर माह के बीच गम्भीर स्थिति में पहुंची प्रसूताओं की आंकड़ा 55 था। इस बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एक अभियान के तहत छह विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं व बच्चों को लक्षित किया गया है।
पीड़ितों को कम करने की कोशिश
इसका मुख्य उद्देश्य एनीमिया जैसे बीमारी से उनका बचाव करना है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार के अनुसार लक्ष्य से ऊपर इसमें कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। कुपोषण से संघर्ष के बीच एनीमिया एक गंभीर बीमारी व बाधा के रूप में उभरी है।
खासकर महिला व प्रसूताओं को इस बीमारी से ज्यादा परेशानी हो रही है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही उनके जान को जोखिम में डाल सकती है। इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य से कम
व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का बनना जब सामान्य से कम हो जाता है,तब शरीर में खून की कमी होने लगती है। इस स्थिति को ही एनीमिया कहा जाता है। इ
स बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जीवन शैली में बदलाव सुर आयरन युक्त आहार लेने की जरूरत होती है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित एमिमिया मुक्त भारत निर्माण योजना को जिले के स्वास्थ्य विभाग प्रभावी बनाने के प्रयास में जुट गया है।
डॉक्टर के सलाह से लें दवा और खानपान
एमओआईसी ने बताया कि एनीमिया की शुरुआती लक्षण थकान,कमजोरी,त्वचा का पीला होना,दिल की धड़कन में बदलाव,सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द होना,हाथों और पैरों का ठंडा होना व सिर दर्द आदि हैं। ऐसे लक्षण आपको दिखाई दे तो तत्क्षण अपने जीवन शैली में बदलाव करें और डाक्टर के पास जाकर इलाज करवाएं।
चिकित्सक के परामर्श से दवा और खानपान लें।एनिमिया के दौरान प्रोटीनयुक्त भोजन यथा पालक,सोयाबीन,चुकंदर,मूंगफली,मक्खन,टमाटर,अनार,शहद,सेव,खजूर,अंडे व लाल मांस का सेवन करें,जो आपके शरीर में खून की कमी को पूरा करता है।

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