करंट लगने से दो लंगूरों की दर्दनाक मौत, हिंदू रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार; पूरे बिहार में चर्चा
रोहतास में एक दुखद घटना में दो लंगूरों की करंट लगने से मौत हो गई। 11 हजार वोल्ट के नंगे तार की चपेट में आने से नर और मादा लंगूर की जान चली गई। ग्रामीणों और वन विभाग के सहयोग से दोनों के शवों का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना ने इंसान और जानवरों के बीच अनोखे रिश्ते को एक बार फिर उजागर किया।
संवाद सहयोगी, डेहरी आनसोन (रोहतास)। डालमियानगर थाना क्षेत्र के सिधौली रोड में मंगलवार की देर शाम विद्युत स्पर्शाघात से दो बंदरों की जान चली गई। इनमें एक नर व एक मादा लंगूर हैं। ग्रामीणों के अनुसार, नर लंगूर को करंट लगता देख मादा लंगूर भी विद्युत प्रवाहित तार पर पीछे से कूद पड़ी, जिससे दोनों की मौत हो गई।
घटना के बाद दोनों के शवों को ग्रामीणों व वन विभाग के सहयोग से राम नाम की चादर में लपेटा गया और हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। घटना की सूचना आसपास के क्षेत्र में तेजी से फैल गई, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई।
इंसान और जानवर का अनकहा रिश्ता
इस दौरान उपस्थित लोगों ने इंसान व जानवरों के बीच अनकहे रिश्ते को भी बखूबी बयां किया। स्थानीय निवासी प्रमोद महतो के अनुसार, सिधौली रोड में पेड़ पर कूदने के क्रम में दो लंगूर 11 हजार वोल्ट के नंगे तार की चपेट में आ गए और नीचे गिर कर तड़पने लगे।
उन्हें तड़पते देख स्थानीय लोगों ने पुलिस व वन विभाग के प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी डेहरी अभय कुमार को सूचना दी। वन विभाग की टीम के आने से पहले ही दोनों लंगूरों ने दम तोड़ दिया।
हिंदू रिवाज से अंतिम संस्कार
लंगूरों की मौत के बाद लोगों की इंसानियत जगी और उन्हें बजरंगबली का ही रूप मानकर हिंदू विधि-विधान से वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में दफनाया गया।
क्या कहते हैं डीएफओ?
जहां लंगूर विद्युत स्पर्शाघात से मरे हैं, वहां आसपास के सभी पेड़ की टहनी को छांट दिया गया है, ताकि आगे वन्य पशुओं के साथ कोई घटना घटित न हो। वन्य जीवों को सुरक्षित रखने के लिए हमारी टीम कार्य करती है। घायल वन्य जीवों के इलाज के लिए पूरा इंतजाम किया जाता है। साथ ही वन जीवों की मृत्यु के बाद नियमानुसार रीति रिवाज से दाह संस्कार किया जाता है। - मनीष वर्मा, डीएफओ, रोहतास