Bihar Election 2025: टिकट न मिलने पर आगबबूला हुए समर्थक; जन सुराज कार्यालय में की तोड़फोड़, पोस्टर जलाया
शिवाजीनगर में जन सुराज कार्यालय पर डॉ. गोविंद के समर्थकों ने तोड़फोड़ की। समर्थकों ने प्रशांत किशोर पर टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाया। उनका कहना है कि डॉ. गोविंद ने जन सुराज की विचारधारा को घर-घर पहुंचाया, फिर भी उन्हें टिकट नहीं मिला। समर्थकों ने प्रशांत किशोर का पुतला भी फूंका और आगामी चुनाव में जन सुराज का विरोध करने की चेतावनी दी। इस घटना से पार्टी में गुटबाजी सामने आई है।
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टिकट न मिलने पर गुस्साए समर्थकों ने जनसुराज के पोस्टर को जलाया। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, शिवाजीनगर। जन सुराज की ओर से घोषित प्रत्याशियों की दूसरी सूची में नाम शामिल नहीं किए जाने से नाराज डॉ. गोविंद के समर्थकों ने प्रखंड पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की।
प्रखंड के परसा पंचायत के सरहिला गांव निवासी एवं वर्तमान प्रखंड प्रमुख डॉ. गोविंद कुमार के समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने सरहिला गांव स्थित जन सुराज कार्यालय में बैनर पोस्टर को फाड़ डाला। तोड़-फोड़ की एवं पार्टी की प्रचार सामग्री, पोस्टर-बैनर और पार्टी कार्ड को आग के हवाले कर दिया।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का पुतला फूंकते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि डॉ. गोविंद कुमार ने विगत कई महीनों से वारिसनगर क्षेत्र में अथक परिश्रम कर जन सुराज की विचारधारा को घर-घर पहुंचाया।
सैकड़ों लोगों को पार्टी से जोड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं देकर पार्टी ने न सिर्फ मेहनत का अपमान किया है, बल्कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं को भी आहत किया है।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं बरती गई है और इसमें आर्थिक लेनदेन की बू आ रही है। कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब मेहनत और समर्पण के बावजूद इस व्यक्ति को मौका नहीं मिलेगा, तो पार्टी किस सिद्धांत की बात कर रही है।
डॉ. गोविंद ने स्वयं बताया कि वे बीते कई महीनो से अधिक समय से वारिसनगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। टिकट की घोषणा में उनकी अनदेखी से साफ है कि पार्टी की कथनी और करनी में फर्क है।
हम लोग विधानसभा चुनाव में जन सुराज के प्रत्याशी का खुलकर विरोध करेंगे। हमारी मेहनत और जनसमर्थन का जवाब हमें जनता के बीच मिलेगा, न कि बंद कमरे में तय की गई सूची से। इस घटनाक्रम के बाद जन सुराज के भीतर गुटबाजी और असंतोष खुलकर सामने आ गई है।
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