Dry Eye Syndrome: ठंड में हो सकती हैं आंखें ड्राई, इन तरीकों से करें इससे बचाव
Dry Eye Syndrome ठंड के मौसम में लापरवाही बरतने की वजह से आंखें ड्राई हो जाती है। हवा में मौजूद प्रदूषक आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। साथ ही ठंड के मौसम में हवा शुष्क होने से भी समस्या हो सकती है। इस समस्या को ड्राई आई सिंड्रोम कहा जाता है। इससे बचाव के लिए सतर्कता बरतने की जरूरत है।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। ठंड के मौसम में लापरवाही बरतने की वजह से आंखें ड्राई हो जाती है। हवा में मौजूद प्रदूषक आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। साथ ही, ठंड के मौसम में हवा शुष्क होने से भी समस्या हो सकती है। इस समस्या को ड्राई आई सिंड्रोम कहा जाता है। इससे बचाव के लिए सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोहरा या धुंध की स्थिति में आंखों की सुरक्षा जरूरी होती है। क्योंकि धुंध में व्याप्त धूल आंखों में चुभती है और एलर्जी होने लगती है।
क्या है ड्राई आई सिंड्रोम
ड्राई आई सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें आंखों की आंसुओं की परत प्रभावित होती है। टीयर फिल्म आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक होती है। आंसुओं की परत में दिक्कत आने की वजह से आंखों को देखने में तकलीफ हो सकती है। आंखों में आंसुओं का न बनना या जल्दी सूखने की वजह से यह समस्या होती है। इस कारण से आंखों में जलन, खुजली या धुंधला दिखने जैसी कई आंखों की समस्या हो सकती है।
क्या होते हैं इसके लक्षण?
- आंखों में जलन
- आंखों में चुभन
- धुंधला दिखना
- रोशनी से तकलीफ होना
- आंखों में म्युकस आना
- आंखें खुली रखने में तकलीफ होना
- आंखों में खुजली होना
- आंखों का लाल होना
- अधिक आंसु आना
कैसे करें इससे बचाव?
अधिक समय तक फोन या लैपटॉप की स्क्रीन पर देखने की वजह से आंखों की टियर फिल्म प्रभावित हो सकती है। इसलिए, बहुत समय तक स्क्रीन पर देखना पड़ता है, तो बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेकर अपनी आंखों को रेस्ट करने देना चाहिए।
धूम्रपान करने या उसके धुएं में रहने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषक तत्वों की वजह से आंखें ड्राई हो सकती हैं। इसलिए, आंखों को प्रदूषण से बचाकर रखना बहुत जरूरी है। इसलिए बाहर निकलते समय चश्मे का इस्तेमाल करें ताकि प्रदूषण आपकी आंखों में कम जाए।
आंखों की ड्राईनेस की समस्या अगर ठीक नहीं हो रही है, तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आंखों की कंडिशन को समझ कर, उसका बेहतर इलाज करेंगे।
डॉ. नवीन कुमार, नेत्र सर्जन, मिथिला आंख अस्पताल।

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