उजियारपुर विधानसभा चुनाव: सीट पर 4-4 कुशवाहा भर रहे दम, वोटरों में असमंजस की स्थिति
उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी परिदृश्य दिलचस्प है। कुशवाहा समुदाय के चार उम्मीदवारों की मौजूदगी ने मतदाताओं को दुविधा में डाल दिया है। प्रत्येक उम्मीदवार अपनी जाति के मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है, जिससे अन्य जातियों के वोटरों का महत्व बढ़ गया है। इस स्थिति के कारण चुनाव परिणाम अनिश्चित हो गया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन विजयी होता है।

उजियारपुर में कुशवाहा बनाम कुशवाहा। फोटो जागरण
अभिनव कुमार, समस्तीपुर। उजियारपुर विधानसभा सीट पर इस बार का चुनावी समीकरण दिलचस्प है। यहां एक नहीं, चार-चार कुशवाहा प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। साथ ही, दो-दो उपेंद्र कुशवाहा के नाम की चर्चा है।
ऐसे में यह सीट जातिगत गणित से लेकर व्यक्तिगत प्रभाव तक के हिसाब से चर्चा का केंद्र बन गई है। मतदाता, खासकर कुशवाहा समाज के लोग, इस बार खुद को एक कठिन विकल्प के सामने पा रहे हैं।
राजद ने पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक आलोक मेहता पर ही भरोसा जताया है, जबकि एनडीए राष्ट्रीय लोक मोर्चा से प्रशांत कुमार पंकज मैदान में हैं। जनसुराज ने यहीं से विधायक रहे दुर्गा प्रसाद सिंह को उतारा है, जबकि निर्दल प्रत्याशी के रूप में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बागी होकर चुनावी रणभूमि में हैं।
चारों कुशवाहा समाज से हैं। चार-चार कुशवाहा के मैदान में होने से वोटरों में असमंजस की स्थिति बनी है। लोगों में राय बंटी हुई है। हालांकि, जातिगत आधार से अलग एनडीए और महागठबंधन के आधार वोट का सहारा है।
इसमें कौन किसमें सेंधमारी करता है, यह देखना दिलचस्प होगा। चारों चेहरे स्थानीय हैं। कोई बाहर का नहीं है। कुशवाहा समाज के भीतर यह दुविधा अन्य जातियों के मतदाताओं को भी प्रभावित कर रही है।
इधर, भाजपा से बागी हुए उपेंद्र कुशवाहा क्षेत्र में घूम रहे। उनका कहना है कि कुछ लोगों की वजह से एनडीए में यह सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में गई है। ऐसे में यहां दो-दो उपेंद्र कुशवाहा मौजूद हैं, जिनकी चर्चा हो रही है।
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