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    समस्तीपुर में सड़क पर फेंकी मिलीं वीवीपैट की पर्चियां, एआरओ निलंबित

    By Abhinav Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 04:39 PM (IST)

    Bihar Assembly Election 2025:समस्तीपुर में वीवीपैट की पर्चियां सड़क पर मिलने से विवाद उत्पन्न हो गया है। इस बीच आयोग के निर्देश के आलोक में एआरओ यानी सहायक निर्वाची पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया। राजद ने इस घटना पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था, जिससे चुनाव प्रक्रिया की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे। वहीं चुनाव आयुक्त ने खुद स्थिति स्पष्ट किया ओर कहा चुनाव की निष्पक्षता पर कोई प्रभाव नहीं पडा है।  

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    समस्तीपुर के सरायरंजन में फेंकी मिलीं वीवीपैट पर्चियां। जागरण

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Bihar Assembly Election 2025: जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Bihar Assembly Election 2025: चुनाव संपन्न होने के बाद समस्तीपुर में कुछ ऐसा हो रहा है जिससे पूरा महकमा परेशान है। पहला मामला सरायरंजन से जुड़ा। 

    जिसमें वीवीपैट की पर्चियों के सड़क पर फेंके जाने का मामला सामने आया। दूसरा मामला समस्तीपुर कालेज समस्तीपुर के स्ट्रांग रूप से जुड़ा है जिसमें कुछ देर के लिए बिजली जाने और प्रसारण बंद होने का आरोप लगा। 

    दोनों ही मामले में चुनाव आयोग की ओर से तत्परता का परिचय दिया गया और स्थिति साफ की गई। पहले मामले में जहां दो एआरओ पर कार्रवाई निलंबन की कार्रवाई की गई वहीं खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्थिति साफ की। जिसमें वीवीपैट को मॉकपोल से जुड़ा बताया। 

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    वहीं दूसरी ओर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने खुद स्थिति साफ की। कहा, चुनाव की निष्पक्षता पर कोई प्रभाव नहीं पडा है। डीएम खुद इस मामले की जांचकर रहे है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया गया है। 

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    समस्तीपुर कालेज के स्ट्रांग रूम मामले में राजद की ओर से लगाए गए आरोप का प्रशासन की ओर से खंडन जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि यह आटो टाइम आउट का मामला है। उनकी ओर से लगाए एग आरोप सही नहीं हैं। 

    पहले वाले मामले में इसे सही तरीके से डिस्पोज नहीं करने की लापरवाही माना जा रहा है। जिले के सरायरंजन विधानसभा के गुड़मा गांव में शनिवार को एक साथ सैकड़ों की संख्या में वीवीपैट की पर्ची फेंकी मिली थी। इतनी अधिक संख्या में पर्चियों के बाहर मिलने से हड़कंप मच गया था। 

    राजद ने उठाए सवाल

    इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल ने चुनाव आयोग से सवाल पूछा है। साथ ही विपक्ष की ओर से लगातार वोट चोरी के लगाए जा रहे आरोप के बीच इस लापरवाही ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। 

    डीएम एसपी ने की जांच

    आनन-फानन में इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी गई। सूचना पर डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी रोशन कुशवाहा, एसपी अरविंद प्रताप सिंह, उप निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार समेत आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची। इसका जायजा लेते हुए कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।

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    सूचना मिलने के बाद डीएम और एसपी ने मोके पर पहुंच कर जांच की। जागरण 

    उक्त स्थल की दूरी डिस्पैच सेंटर से आधा किलोमीटर की बताई गई है। डीएम घटनास्थल का निरीक्षण कर ही रहे थे कि इसी दौरान निर्दल प्रत्याशी कुणाल कुमार और जनसुराज के प्रत्याशी सज्जन मिश्र भी मौके पर पहुंचे।

    बढाई गई सुरक्षा

    प्रत्याशियों ने प्रशासन से समुचित कार्रवाई की मांग की है। प्रत्याशियों के साथ मौके पर सैकड़ों की संख्या में समर्थक भी भीड़ भी जुट गई। लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करते नजर आए। लोगों की भीड़ को देखते हुए एहतियात के तौर पर पुलिस टीम की तैनाती की गई।

    कई थानों की पुलिस टीम के साथ सदर एसडीपीओ वन संजय कुमार ने स्वयं मोर्चा संभाला। वहीं माइकिंग के जरिए लोगों को शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।

    दर्ज कराई गई प्राथमिकी

    डीएम ने स्वयं ही माइक के जरिए जांच करने की बात कही है। बताया गया कि प्रशासन ने सभी पर्चियों को जब्त कर लिया है। प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है।

    जिला प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को निलंबित किया जा रहा है। इधर, डीएम ने कहा कि कमीशनिंग के दौरान पांच फीसदी मशीनों में एक-एक माक पोल होता है। उक्त पर्ची उसी से जुड़ा हो सकता है।

    पुलिस ने शुरू की जांच

    पुख्ता तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। सभी को जब्त कर जांच की जा रही है। पर्ची पर वीवीपैट के नंबर अंकित होते हैं। यह तकनीक जांच का विषय है। प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।

    निलंबन की कार्रवाई 

    वहीं एसपी ने बताया कि उक्त घटना के संदर्भ में सरायरंजन थाना में विधिवत प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक अनुसंधान कराई जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को निलंबित किया जा रहा है।

    राजद की ओर से इस मामले को उठाने और एक्स पर पोस्ट करने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। समर्थक तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।

    सामान्य लोगों का भी कहना है कि चुनाव के इस माहौल में उसको सही से डिस्पोज नहीं किए जाने की लापरवाही तो है। प्रशासन को इसको देखना चाहिए। प्राथमिकी की जांच में में क्या बात सामने आती है? इसका सभी को इंतजार है।

    यह देखने वाली बात होगी कि मतगणना के समय तक क्या स्थिति रहती है। वैसे प्रशासन की ओर से चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर जो प्रयास किए जा रहे हैं उसकी सराहना की जा रही है।