बिहार में सूकर पालन के लिए SC/ST वर्ग को मिल रही 90 प्रतिशत तक सब्सिडी, कैसे करें आवेदन?
बिहार सरकार एससी-एसटी वर्ग के लोगों को सूकर पालन (Pig Farming) के लिए 90% तक सब्सिडी दे रही है। इच्छुक व्यक्ति पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की वेबसाइट ...और पढ़ें

बिहार में सुअर पालन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले में आर्थिक रूप से कमजोर एससी/एसटी परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है।
विभाग की सूकर विकास योजना के तहत इच्छुक लाभुकों को उन्नत नस्ल के दो मादा और एक नर सूकर वाली इकाई 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है।
योजना में शामिल होने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 31 दिसंबर तक चलेगी। लाभुकों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सूकर पालन को ग्रामीण क्षेत्रों में तेज़ी से आमदनी देने वाला व्यवसाय माना जाता है। पशु पालन विभाग का मानना है कि अगर एससी/एसटी समुदाय के परिवारों को प्रारंभिक सहायता दी जाए, तो वे कम लागत में स्थायी रोज़गार खड़ा कर सकते हैं। इसी लक्ष्य से यह योजना चलाई जा रही है, जिसमें लगभग पूरी इकाई लागत सरकार वहन कर रही है।
इतनी है इकाई की लागत, इतनी मिलेगी सब्सिडी
सूकर योजना के अनुसार, एक इकाई में दो मादा सूकर और एक नर सूकर शामिल है। मादा सूकर की अनुमानित कीमत छह हजार रुपये प्रति, नर सूकर की अनुमानित कीमत सात हजार 500 रुपये कुल मिलाकर तीनों सूकरों की कीमत 19 हजार 500 रुपये बैठती है।
इसके अतिरिक्त आठ प्रतिशत बीमा प्रीमियम के रूप में 1,560 रुपये का भुगतान किया जाता है। इस प्रकार एक इकाई की कुल लागत 21,060 रुपये होती है। सरकार इस पूरी राशि का 90 प्रतिशत वहन करती है।लाभुक को केवल दो हजार 106 रुपये जमा करने हैं, जो इकाई लागत का मात्र दस प्रतिशत है।
इन नस्लों के सूकर उपलब्ध कराए जाएंगे
योजना के अंतर्गत लाभुकों को उच्च उत्पादन वाली नस्लें प्रदान की जाएंगी। जिसमें व्हाइट यार्कशायर, लैंडरेस, टेमवर्थ, टी एंड डी तथा झारसुक ये नस्लें तेज़ी से बढ़ती हैं और इनमें प्रजनन क्षमता भी अत्यधिक होती है। जिला पशुपालन विभाग के चिकित्सक डा.आलोक कुमार सिंह के अनुसार, यह प्रजाति हर छह महीने में 12–14 बच्चे देती है। एक वर्ष में दो मादा सूकर से लगभग 48–50 बच्चे प्राप्त होते हैं।
सालाना पांच लाख तक कमाई की संभावना
पशु विशेषज्ञों का कहना है कि योजना से जुड़े परिवारों को अच्छा लाभ मिलेगा क्योंकि इन नस्लों के सूकर एक वर्ष में 80–100 किलो वजन तक पहुंच जाते हैं। बाजार में एक सूकर की औसत कीमत 10 से 12 हजार रुपये तक मिलती है।
यदि एक वर्ष में लगभग 50 बच्चे तैयार हो जाते हैं, तो पशुपालक पांच लाख रुपये से अधिक की आय प्राप्त कर सकते हैं। विभाग का मानना है कि आने वाले समय में सारण में सूकर पालन एक बड़ा रोजगार क्षेत्र बन सकता है।
प्रशिक्षण का भी है प्रावधान
चयनित लाभुकों को योजना के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए प्रति लाभुक 300 रुपये का प्रावधान है। प्रशिक्षण में आधुनिक पद्धतियों, टीकाकरण, पोषण एवं बाजार प्रबंधन से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
सारण में बढ़ रही है सूकर पालन की संभावनाएं
जिला पशुपालन विभाग का कहना है कि सारण में सूकर पालन का वातावरण बेहद अनुकूल है। हर साल बढ़ती मांग, बेहतर प्रजातियां और बाजार के स्थिर दाम इस व्यवसाय को और अधिक लाभकारी बना रहे हैं।
विभागीय अधिकारियों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह योजना सैकड़ों परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों माध्यम से आवेदन
योजना का लाभ इच्छुक एससी/एसटी आवेदक जिला पशुपालन कार्यालय में आफलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके अलावा आनलाइन आवेदन का विकल्प भी उपलब्ध है।
विभाग ने लाभुकों से जल्द आवेदन करने की अपील की है, क्योंकि चयन पूरी तरह पहले आने वालों को प्राथमिकता देकर किया जाएगा। आवेदकों को आवेदन पत्र के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है।
जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान पत्र की छाया प्रति, आवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी का साक्ष्य), आधार कार्ड बैंक पासबुक की प्रथम व अंतिम पृष्ठ की प्रति शामिल करना होगा।

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