Bihar Politics: भोजपुरी का लगेगा तड़का, चुनावी मैदान में उतरे खेसारी लाल और सीमा सिंह
सारण जिले में बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल दिलचस्प हो गया है। छपरा सीट से खेसारी लाल यादव (महागठबंधन) और मढ़ौरा से सीमा सिंह (एनडीए) के उतरने से भोजपुरी सिनेमा का तड़का लग गया है। फिल्मी सितारों के प्रचार से भीड़ बढ़ने की संभावना है, जिससे प्रशासन के लिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा। सबकी निगाहें भोजपुरी भाषी मतदाताओं पर टिकी हैं, क्योंकि ग्लैमर और राजनीति का संगम देखने को मिल रहा है।

खेसारी लाल और सीमा सिंह।
प्रवीण, छपरा। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गई। इस बार सारण जिले का चुनावी माहौल अन्य जिलों से कुछ अलग और खास नजर आ रहा है। वजह है कि इस बार यहां सियासी अखाड़े में भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े चेहरे आमने-सामने हैं।
छपरा विधानसभा सीट से भोजपुरी फिल्मों के मशहूर अभिनेता और गायक खेसारी लाल यादव ने महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है, जबकि मढ़ौरा सीट से एनडीए गठबंधन ने लोकप्रिय अभिनेत्री सीमा सिंह को मैदान में उतारा है।
दोनों के नामांकन दाखिल करते ही जिले में राजनीतिक चर्चा का नया दौर शुरू हो गया है। अब छपरा की चुनावी हवा में भोजपुरी का तड़का लगना तय माना जा रहा है।
चुनावी प्रचार में दिखेगा भोजपुरी का ग्लैमर
फिल्मी सितारों के मैदान में उतरने के बाद अब प्रचार अभियान में भी भोजपुरी सिनेमा की झलक दिखेगी। माना जा रहा है कि दोनों प्रत्याशियों के समर्थन में भोजपुरी फिल्मों के कई नामचीन कलाकार जिले में प्रचार करने आएंगे।
खेसारी लाल यादव के लिए उनके करीबी सहयोगी और फिल्मी साथी कलाकार मैदान में उतर सकते हैं। वहीं सीमा सिंह के पक्ष में पवन सिंह, दिनेश लाल ‘निरहुआ’, मनोज तिवारी और रवि किशन जैसे बड़े भोजपुरी स्टार्स के आने की संभावना जताई जा रही है।
इन दिग्गज कलाकारों के आगमन से चुनावी जनसभाओं में जबरदस्त उत्साह और भीड़ देखने को मिल सकती है। दोनों ओर से भोजपुरी कलाकारों की भागीदारी से इस बार चुनावी प्रचार में ग्लैमर, जोश और मनोरंजन का तड़का लगना तय है। जनता के बीच यह उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर कौन-सा फिल्मी चेहरा मतदाताओं का दिल जीत पाएगा।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रशासन के लिए चुनौती
भोजपुरी फिल्मों के सितारों के प्रचार में आने से जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन के सामने सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी। जिला पुलिस और प्रशासन को ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे।
पहले से ही जिले में चुनावी हलचल चरम पर है, और अब जब भोजपुरी कलाकार प्रचार में उतरेंगे, तो जनसभाओं में उमड़ने वाली भीड़ प्रशासन की परीक्षा लेगी। अधिकारी स्तर पर पहले से ही रणनीति तैयार की जा रही है ताकि किसी भी अव्यवस्था या हादसे की स्थिति से बचा जा सके।
भोजपुरी प्रेमी वोटरों पर टिकी सभी की निगाहें
छपरा और आसपास के इलाकों में भोजपुरी सिनेमा का गहरा प्रभाव है। यहां के लोग भोजपुरी कलाकारों को न केवल जानते हैं बल्कि उन्हें दिल से पसंद करते हैं। यही कारण है कि दोनों गठबंधनों की निगाह इस भोजपुरी प्रेमी वोट बैंक पर टिकी है।
खेसारी लाल यादव अपनी गायकी और अभिनय से गांव-गांव तक लोकप्रिय हैं, जबकि सीमा सिंह अपने डांस और सशक्त महिला किरदारों के कारण लोगों के बीच अलग पहचान रखती हैं। अब देखना यह होगा कि भोजपुरी फिल्मों की लोकप्रियता वोटों में किसके पक्ष में जाती है।
ग्लैमर और सियासत का संगम
इस बार छपरा का चुनाव सिर्फ मुद्दों और घोषणाओं पर नहीं, बल्कि ग्लैमर और स्टारडम पर भी लड़ा जाएगा। जहां एक ओर देश-राज्य के बड़े नेता प्रचार की कमान संभालेंगे, वहीं दूसरी ओर भोजपुरी कलाकारों की मौजूदगी से मंचों पर रौनक बढ़ेगी।फिल्मी रंग में रंगे इस चुनावी माहौल में जनता का उत्साह चरम पर है।
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि आखिर जनता का दिल कौन जीत पाएगा, महागठबंधन के खेसारी लाल यादव या एनडीए की सीमा सिंह। एक बात तो तय है, इस बार छपरा की सियासत में भोजपुरी और बालीवुड का संगम देखने को मिलेगा, जो चुनावी माहौल को और भी रोचक बना देगा।
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