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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव में एकल खिड़की व्यवस्था से मिलेगी राहत, प्रत्याशियों को नहीं लगाने होंगे विभागों के चक्कर

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 02:19 PM (IST)

    सारण जिला प्रशासन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रत्याशियों को राहत देते हुए एकल खिड़की व्यवस्था शुरू की है। अब सभा, रैली और प्रचार वाहन की अनुमति एक ही स्थान पर मिलेगी, जिससे उम्मीदवारों को विभागों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि इस व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और समय की बचत होगी। अनुमति के लिए 48 घंटे पहले आवेदन करना होगा।

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    जागरण संवाददाता, छपरा(सारण)। सारण में विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने प्रत्याशियों को राहत देने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब सभा, रैली, जुलूस, लाउडस्पीकर या प्रचार वाहन की अनुमति के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए एकल खिड़की व्यवस्था (सिंगल विंडो सिस्टम) लागू की है, जहां एक ही स्थान से सभी स्वीकृतियां और अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। इस व्यवस्था से चुनावी कार्यों में तेजी आएगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बनी रहेगी।

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    एक ही स्थान पर होंगे सभी कार्य


    जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर ने चुनाव आयोग के निर्देश के आलोक में इस व्यवस्था को प्रभावी बनाया है। अब लोक निर्माण, बिजली, परिवहन, अग्निशमन जैसे विभागों के अधिकारी एक ही स्थान पर रहकर उम्मीदवारों के आवेदन का निस्तारण करेंगे।
    इससे पहले प्रत्याशियों को इन स्वीकृतियों के लिए कई कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। नई व्यवस्था से उनका समय और मेहनत दोनों बचेंगे।

    48 घंटे पहले जमा करना होगा आवेदन


    राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को अनुमति के लिए कम से कम 48 घंटे पहले आवेदन देना होगा। संबंधित विभाग सत्यापन के बाद तय नियमों की पूर्ति होने पर प्रमाणपत्र जारी करेगा। यह व्यवस्था हर विधानसभा क्षेत्र में लागू रहेगी ताकि किसी भी स्तर पर विलंब न हो।

    सभाओं और रैलियों के लिए अलग-अलग आवेदन जरूरी

    चुनावी सभा, जुलूस या रैली आयोजित करने के लिए प्रत्याशी को अलग-अलग आवेदन देना होगा। आवेदन में यह विवरण देना अनिवार्य होगा कि सभा में कितने लोग आएंगे, भीड़ का अनुमान कितना है, कार्यक्रम की अवधि क्या होगी और स्थल का नाम क्या है। इसके अलावा वाहन के दस्तावेज, स्थल स्वामी की लिखित अनुमति और रैली स्थल के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति भी अनिवार्य होगी।


    निर्देशों के अनुसार, कोई भी सभा स्थल मतदान केंद्र से 200 मीटर से कम दूरी पर नहीं होना चाहिए, और चुनाव कार्यालय किसी धार्मिक स्थल के पास नहीं खोला जा सकेगा।


    सभी शर्तें पूरी करने पर ही मिलेगी अनुमति


    अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र में कई शर्तें निर्धारित की गई हैं। प्रत्याशी को हर बिंदु पर सही जानकारी देनी होगी।
    सभी शर्तें पूरी होने के बाद ही अनुमति जारी की जाएगी।जो प्रत्याशी अधिक जानकारी चाहते हैं, वे मुख्य निर्वाचन कार्यालय की वेबसाइट से फार्म और दिशा-निर्देश डाउनलोड कर सकते हैं।

    आरओ से लेनी होगी अनुमति

    विधानसभा सीट के रिटर्निग आफिसर (आरओ) से उम्मीदवारों को लगभग 20 प्रकार के कार्यों के लिए स्वीकृति लेनी होगी।
    इनमें घर-घर प्रचार, हेलिकाप्टर या हैलीपैड का उपयोग, अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलना, पर्चे बांटना, नुक्कड़ सभा, जुलूस, झंडा-बैनर लगाना, पोस्टर और यूनिपोल लगाना, लाउडस्पीकर का उपयोग, प्रचार वाहन की अनुमति आदि शामिल हैं।
    इसके अलावा मान्यता प्राप्त दलों के पदाधिकारियों और प्रत्याशियों को अपने चुनावी वाहनों के उपयोग के लिए भी आरओ से अनुमति लेनी होगी। सारण जिले के 10 विधानसभा क्षेत्र छह नवंबर को मतदान होगा।


    सुविधा व पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में पहल

    प्रशासन का मानना है कि एकल खिड़की व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और परेशानी-मुक्त बनेगी।
    राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को अब किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। साथ ही विभागीय अधिकारी भी निर्धारित समय सीमा में कार्यों का निस्तारण कर पाएंगे।