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    Saran News: मकेर अस्पताल का निर्माण 10 साल बाद भी अधूरा, जमीन-विवाद ने लगाया ब्रेक?

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 04:00 PM (IST)

    मकेर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 10 साल बाद भी अधूरा है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। जमीन अधिग्रहण के बाद निर्माण शुरू हुआ लेकिन एक व्यक्ति ने जमीन पर दावा करके कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया जिसके बाद काम रुक गया। प्रशासन का कहना है कि जमीन सरकारी है जबकि वादी का कहना है कि जमीन उनके पूर्वजों की है।

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    एक दशक से अधूरा सपना: मकेर को अब भी नहीं मिला अपना अस्पताल भवन

    जयशंकर प्रसाद, मकेर (सारण)। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का सपना देख रहे मकेर वासियों की उम्मीदें अब भी अधूरी हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड किए हुए 10 साल से अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन आज तक इसका अपना भवन नहीं बन सका। नतीजतन, मरीजों को गंभीर हालत में अक्सर छपरा रेफर करना पड़ता है, जहां रास्ते में ही कई मरीज दम तोड़ देते हैं।

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    जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण रुकने तक की कहानी

    वर्ष 2019 में तत्कालीन अंचल अधिकारी ने एनएच-722 के पास चांदनी चौक पर चार बीघा पांच कट्ठा 15 धूर जमीन अस्पताल और प्रखंड कार्यालय भवन के लिए अधिग्रहित कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी थी।

    सत्यापन के बाद वर्ष 2023 में निर्माण कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन तभी भाथा पंचायत के कोयला गांव निवासी दिनेश प्रसाद सिंह ने उक्त जमीन को अपना बताते हुए न्यायालय में मामला (313/23) दर्ज करा दिया।

    दिनेश प्रसाद सिंह का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वज नगीना सिंह के नाम पर आजादी से पहले से दर्ज है। उनके दावे के बाद कोर्ट के आदेश पर निर्माण कार्य रोक दिया गया और अस्पताल का सपना फिर अधूरा रह गया।

    प्रशासन और ग्रामीणों के अलग-अलग तर्क

    तत्कालीन राजस्व कर्मियों और अंचल अधिकारी का कहना है कि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान कथित भूमि मालिकों को नोटिस देकर फसल बोने से रोका गया था, लेकिन उस समय उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की। अब निर्माण शुरू होने पर आपत्ति करना विकास कार्य में बाधा डालने जैसा है।

    वहीं, वर्तमान सीओ निर्मला का कहना है कि यह भूमि गैर-मजरुआ मालिकाना है, जो सरकारी उपयोग के लिए आरक्षित है। उन्होंने बताया कि भूमि विवाद से जुड़े सभी तथ्य अक्टूबर 2024 में ही न्यायालय को सौंप दिए गए हैं।

    हालांकि जिस अदालत में मामला लंबित है, वहां लंबे समय तक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति नहीं रहने से सुनवाई नहीं हो सकी। अब उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय आएगा और ठप पड़ा निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा।

    फिलहाल अतिरिक्त भवन में चल रहा इलाज

    वर्तमान में मकेर की स्वास्थ्य सेवाएं एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन से ही संचालित हो रही हैं। यहां सुविधा सीमित है और भीड़ के दबाव में मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।

    प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. गोपाल कृष्ण ने बताया कि यदि नया भवन बन गया तो मकेर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और मरीजों को इलाज के लिए छपरा नहीं जाना पड़ेगा।

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