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    छपरा में SSP का एक्शन, थानाध्यक्ष और चौकीदार निलंबित, भेल्दी थाना में कुर्सी पर बैठा मिला था बाहरी व्यक्ति

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 06:20 PM (IST)

    सारण के भेल्दी थाने में एसएसपी के औचक निरीक्षण के दौरान, अपर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर एक बाहरी व्यक्ति मिला, जिसने स्वयं को पारा विधिक स्वयंसेवक बताया, पर प्रमाण नहीं दे पाया। उसके फोन में गोपनीय दस्तावेज मिले। एसएसपी ने इसे गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष और चौकीदार को तत्काल निलंबित कर दिया। 

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, छपरा। सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष शनिवार को अचानक भेल्दी थाना पहुंच गए, वहां अपर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बाहरी बैठा मिला।

    उसने स्वयं को पारा विधिक स्वयं सेवक बताया, परंतु इसके प्रमाण नहीं दे सका। उसके मोबाइल से थाने के कई गोपनीय दस्तावेज भी मिले। एसएसपी ने इसे गंभीर अनियमितता मानी और थानाध्यक्ष व चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

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    जानकारी के अनुसार भेल्दी थाना में शनिवार को वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा किए गए औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने अपर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर एक बाहरी व्यक्ति को बैठा पाया, जो न तो पुलिस पदाधिकारी था और न ही उसके पास थाने में बैठने का कोई अधिकृत अधिकार था।

    इस अप्रत्याशित स्थिति ने पूरे पुलिस महकमे में हलचल मचा दी। एसएसपी के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मढ़ौरा द्वारा त्वरित जांच प्रारंभ की गई।

    जांच प्रतिवेदन में खुलासा हुआ कि जिस व्यक्ति को कुर्सी पर बैठा पाया गया, वह स्वयं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संबद्ध ‘पारा विधिक स्वयंसेवक’ बता रहा था। परंतु वह अपने कार्यकाल या पहचान का कोई संतोषजनक प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे संदेह और बढ़ गया।

    फोन चेक करने पर मिले गोपनीय साक्ष्य

    जांच में उससे जुड़े मोबाइल फोन का तकनीकी परीक्षण भी कराया गया, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। उसके फोन में भेल्दी थाना से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के अवैध आदान–प्रदान के साक्ष्य मिले, जो पुलिस विभाग की गोपनीयता और अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना गया।

    रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि थानाध्यक्ष द्वारा उस व्यक्ति के अनियमित और अवरोध–रहित प्रवेश को नहीं रोका गया, जो स्वयं में भारी लापरवाही को दर्शाता है।

    जांच में थानाध्यक्ष पुअनि हरेराम कुमार और चौकीदार शैलेन्द्र कुमार की भूमिका संदिग्ध पाई गई। यह माना गया कि दोनों अपने कर्तव्य के पालन में घोर लापरवाह रहे और उन्होंने संवेदनशील जानकारी के अनधिकृत आदान–प्रदान को रोकने में विफलता दिखाई।

    जांच प्रतिवेदन के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक ने दोनों कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र, सारण निर्धारित किया गया है।

    साथ ही दोनों से सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। सारण पुलिस ने स्पष्ट किया है कि विभागीय गोपनीयता, अनुशासन और कानून–व्यवस्था पर किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं और मिलीभगत पाए जाने पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने इस कदम को संगठन की पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया है।