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    शिवहर की सियासत में बड़ा उलटफेर: RJD ने नवनीत कुमार झा को बनाया प्रत्याशी, JDU नेता ने बदला पाला

    By NEERAJ KUMAREdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 19 Oct 2025 12:38 PM (IST)

    शिवहर की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। राजद ने नवनीत कुमार झा को टिकट दिया है, जिससे समर्थकों में खुशी और विरोधियों में नाराजगी है। जदयू को झटका लगा है क्योंकि मो. शर्फुद्दीन बसपा में शामिल हो गए हैं और चुनाव लड़ेंगे। राणा रणधीर सिंह चौहान भी बसपा में शामिल हो गए हैं। ठाकुर धर्मेंद्र सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

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    शिवहर की सियासत में बड़ा उलटफेर

    जागरण संवाददाता, शिवहर। शिवहर की सियासत में पिछले 24 घंटे के भीतर बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। एक ओर लंबे समय से राजद प्रत्याशी के एलान पर लगा सस्पेंस खत्म हो गया है, वहीं दूसरी ओर बगावत का झंडा बुलंद होने लगा है।

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    राजद ने शिवहर सीट से 15 साल बाद ब्राह्मण पर दांव लगाया है। तेजस्वी यादव ने रविवार की सुबह नवनीत कुमार झा को शिवहर सीट से टिकट दे दिया है। 40 वर्षीय नवनीत कुमार झा शिवहर जिले के अंबाकला के रहने वाले है और पेशे से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता है।

    वह वर्ष 1972 से लेकर वर्ष 1998 तक लगातार छह बार विधानसभा में शिवहर का प्रतिनिधित्व करने व पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित रघुनाथ झा के पौत्र है। पंडित रघुनाथ झा को शिवहर जिले का निर्माता माना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने अथक प्रयास से पांच प्रखंडों वाले शिवहर को जिले का दर्जा दिलाया था।

    नवनीत कुमार झा के पिता अजीत कुमार झा भी वर्ष 2005 के फरवरी व अक्टूबर में राजद के टिकट पर विधायक बने थे। टिकट के एलान के बाद समर्थकों में खुशी की लहर है तो विरोधियों में बगावत के भाव भी दिख रहे है।

    जदयू को लगा बड़ा झटका 

    उधर, शिवहर में जदयू को भारी झटका लगा है। पूर्व विधायक मो. शर्फुद्दीन सहित आधा दर्जन नेता पहले ही पार्टी से इस्तीफा सौंप चुके है। इस बीच मो. शर्फुद्दीन को बसपा ने शिवहर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। मो. शर्फुद्दीन दो बार लोजपा के टिकट पर व एक बार जदयू की टिकट पर चुनाव हार चुके है।

    वह वर्ष 2010 व वर्ष 2015 में शिवहर से जदयू के विधायक रह चुके है। पिछले चुनाव में राजद के चेतन आनंद ने उन्हें रिकार्ड मतों से हराया था। बाद में चेतन जदयू में आ गए।

    जदयू ने उन्हें शिवहर के बदले नवीनगर से प्रत्याशी बनाया है, जबकि शिवहर सीट से डॉ. श्वेता को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज मो. शर्फुद्दीन ने पहले जदयू से इस्तीफा दिया और अब वह बसपा की टिकट पर मैदान में उतरेंगे।

    वेलसंड में भी हुआ खेला

    उधर, पश्चिम चंपारण प्रभारी सह शिवहर के पूर्व जिला प्रभारी रहे राणा रणधीर सिंह चौहान भी बसपा में शामिल हो गए है। टिकट नहीं मिलने से नाराज श्री चौहान बेलसंड से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे है।

    बसपा ने उन्हें चुनाव चिन्ह प्रदान कर दिया है। उनकी पत्नी सुनीता सिंह चौहान बेलसंड से लोजपा की टिकट पर फरवरी 2005 का चुनाव जीती थी। लेकिन अक्टूबर 2005 में जदयू से हार गई थी। वर्ष 2010 व 2015 में वह बेलसंड से जदयू की टिकट पर विधायक बनी थी। पिछला चुनाव हार गई थी।

    उधर, रालोमो किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह शिवहर राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने बेलसंड से निर्दलीय ही विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है।

    वर्ष 2020 में टिकट नहीं मिलने से नाराज ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने शिवहर राजद जिलाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं बेलसंड से रालोसपा की टिकट पर चुनाव लडा था। 18 हजार 999 मत प्राप्त कर उन्होंने जदयू प्रत्याशी की हार सुनिश्चित करा दी थी।