नोटा ने दिया सभी दलों को झटका, मतदाता बोले- 'कोई विकल्प नहीं'
इस बार के विधानसभा चुनाव में नोटा ने सबको चौंका दिया। 6197 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर दिखाया कि उन्हें कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है। नोटा ने कई स्थापित दलों को पीछे छोड़ दिया, जिससे यह साफ है कि मतदाता बदलाव चाहते हैं और मौजूदा विकल्पों से खुश नहीं हैं। यह परिणाम राजनीतिक दलों के लिए एक गंभीर संदेश है।

नोटा ने दिया सभी दलों को झटका
संवाद सहयोगी,बरबीघा। विधानसभा चुनाव के परिणामों ने इस बार एक अनोखी और गंभीर तस्वीर पेश की है। विजयी प्रत्याशी के आंकड़ों से अधिक चर्चा नोटा का हो रहा है। जिसने कई स्थापित और उभरते दलों को पीछे छोड़ते हुए चौथा स्थान हासिल कर लिया।
इस बार 6197 मतदाताओं ने स्पष्ट रूप से नोटा चुनकर यह संकेत दिया कि उन्हें उपलब्ध उम्मीदवारों में कोई विकल्प स्वीकार्य नहीं लगा। यह संख्या बताती है कि मतदाता मात्र वोट डालने नहीं आए थे वे एक संदेश देने आए थे।
नोटा ने निकाल दी हवा
विशेष बात यह कि कई ऐसे उम्मीदवार जो खुद को बदलाव का प्रतिनिधि बताकर मैदान में उतरे थे उन्हें भी मतदाताओं ने प्राथमिकता नहीं दी। परिणामों में यह साफ दिखा कि जहां कुछ दलों ने बिहार में नई राजनीति लाने का दावा किया था वहीं मतदाताओं ने उस दावे कि हवा निकाल दी। स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि
जब मतदाता पारंपरिक और नए दोनों तरह के उम्मीदवारों को नकारकर नोटा का बटन दबाते हैं तो यह सिर्फ असंतोष नहीं राजनीतिक उम्मीदों की असफलता भी दिखाता है।
हालांकि नोटा को लेकर लोग इसे विशेष दल के समर्थकों की देन बता रहे हैं। उनके दल से अच्छे प्रत्याशी नहीं मिलने से नाराज लोगों ने नोटा का बटन दवा कर अपनी नाराजगी जताई है।

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