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    बरसानेवासी किशोरी जी को मानते बहन, संतों की टोली पहुंची सीतामढ़ी के पुनौराधाम

    By Awadh Bihari Upadhyay Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 05:23 PM (IST)

    बरसाना के महंत श्री भक्त वत्सल दास के नेतृत्व में साधु-संतों की एक टोली सीतामढ़ी के पुनौराधाम पहुंची। उन्होंने मां जानकी की पूजा-अर्चना की और श्री राम जानकी विवाह महोत्सव में भाग लेने के लिए जनकपुर धाम के लिए प्रस्थान किया। महंत जी ने कहा कि बरसाना वासी किशोरी जी को अपनी बहन मानते हैं और जानकी जी के विवाह में दान-पुण्य करते हैं।

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    बरसाना के महंत श्री भक्त वत्सल दास ने जानकी जन्मस्थली के साधु संतों को किया नमन। जागरण

    संवाद सहयोगी, सीतामढ़ी। उत्तरप्रदेश के नंद गांव बरसाना स्थित जगन्नाथ धाम मंदिर के महंत श्रीभक्त वत्सल दास जी ने कहा कि बरसाना के लोग किशोरी जी को अपनी बहन मानते हैं। राधा रानी ही किशोरी जी के स्वरूप में ही मिथिला में प्रकट हुई थी।

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    जिस तरह बरसाना वासी राधा महोत्सव मनाते आ रहे हैं उसी तरह यहां श्री राम जानकी विवाह महोत्सव मनाते हैं। वे श्री राम जानकी विवाह महोत्सव में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे थे। साधु संतों की टोली के साथ मां जानकी की प्रकट्यस्थली पुनौराधाम पहुंचे बरसाना के महंत ने माता जानकी का दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया।

    पुनौराधाम मंदिर के महंत श्री कौशल किशोर दास के उत्तराधिकारी रामकुमार दास ने पूजन कार्य सम्पन्न कराने के साथ उन्हें माता की चुनरी भेंट कर उनका अभिनंदन किया। बरसाना स्थित जगन्नाथ धाम मंदिर के महंत श्रीभक्त वत्सल दास ने कहा कि बहन के विवाह में दान देने की परंपरा है।

    इसी भाव से बरसाना वासी श्री राम जानकी विवाह महोत्सव में शामिल होकर दान पुण्य करते हैं। कहा कि जानकी जी के प्राकट्य स्थली के दर्शन और रज (भूमि ) के स्पर्श से ही जानकी के दर्शन का फल प्राप्त होता है।

    गोस्वामी तुलसीदास ने अपने दोहा में स्पष्ट किया है कि अंतर्यामी गर्भगत संत सुंदरी माही ,तुलसी पूजे एक को दो ही पूजन जाती। अर्थात जिस तरह मां को खिलाने से गर्भ में पल रहे शिशु को रस प्राप्त होता है,उसी तरह संतों की सेवा, दान और प्रसाद ग्रहण कराने से भगवान प्रसन्न होते हैं। इसी भाव से बरसाना वासी जानकी जी के विवाह महोत्सव में शामिल होते हैं।

    विवाह महोत्सव में आने का यही भाव है। इस भाव से जानकी जी अपना मान आशीर्वाद देती हैं। जानकी जी का दर्शन और उनके भक्त की सेवा करने से जानकी जी प्रसन्न होकर कृपा प्रदान करती है। जानकी जी के साथ आंतरिक संबंध स्थापित होता और आनंद की प्राप्ति होती है।

    जानकी प्राकट्य स्थली को नमन कर बरसाना जगन्नाथ मंदिर महंत श्री भक्त वत्सल दास जी साधु संतों व श्रद्धालुओं के साथ श्री राम जानकी विवाह महोत्सव में शामिल होने जनकपुर धाम नेपाल के लिए रवाना हुए।

    इस दौरान पुंडरीक ऋषि आश्रम के पीठाधीश्वर उमेशानंद जी महाराज, धर्माचार्य संत भूषण दास, सीता रसोई के संयोजक रामशंकर शास्त्री, सीता आराधना के संयोजक दिनेश चन्द्र द्विवेदी, विमल कुमार परिमल व धनुषधारी प्रसाद सिंह आदि ने बरसाना के महंत श्री भक्त वत्सल दास सहित उनके साथ आए साधु संत व तीर्थ यात्रियों आशुतोष कुमार, नंद किशोर बंसल व लड्डू कुमार का स्वागत किया।

    सभी आगंतुक साधु संतों ने पुनौराधाम में श्री महावीर मंदिर न्यास समिति पटना द्वारा संचालित सीता रसोई के बने व्यंजन का स्वाद का स्वाद चखा । इसके पूर्व उन्होंने मां जानकी जन्म स्थली के साधु संतों को कंबल भेंट कर सम्मानित किया। कहा कि जनकपुर धाम में वे भंडारा कर साधु संतों के बीच अंग वस्त्र भेंट करेंगे।