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    भारत-नेपाल सीमा सील, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लकर सीमा पर बढ़ाई गई गश्त

    By Vijay K Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 06:52 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा सील कर दी गई है। 8 से 11 नवंबर तक सीमा पर आवागमन बंद रहेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम गश्त कर रही है। एंबुलेंस को छूट दी गई है, लेकिन नेपाल में फंसे भारतीयों को 11 नवंबर को पहचान पत्र दिखाने पर प्रवेश मिलेगा। सीमा सील होने से लोगों को परेशानी हो रही है और व्यवसाय पर असर पड़ा है।

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     सोनबरसा में भारत नेपाल सीमा स्थित हनुमान चौक पर चुनाव को लेकर सील बार्डर। जागरण 

    संवाद सहयोगी, सुरसंड (सीतामढी)। 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिले से लगने वाली इंडो-नेपाल बार्डर शनिवार से सील कर दी गई। आठ से 11 नवंबर की शाम 6 बजे तक भारत-नेपाल सीमा सील रहेगी।

    इस अवधि में भिट्ठामोड़, नवाही, सुरसंड, कन्हमा, बैरगनिया, मेजरगंज, सोनबरसा बार्डर पर आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा। वही, सीमाई चौकियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

    सीमावर्ती इलाकों में एसएसबी, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम गश्त कर रही है। भिट्ठामोड़ एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के कंपनी इंचार्ज सुमित कुमार व भिटठा थानध्यक्ष मनोज कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव के मद्देनजर सीमा सील कर दी गई है।

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    इस दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या अवैध आवाजाही को रोकने के लिए चौकसी बरती जा रही है। साथ ही, स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।

    केवल एंबुलेंस को छूट

    सोनबरसा: दूसरे चरण के मतदान को लेकर जिले के भारत नेपाल बॉडर पूरी तरह सील कर दी गई है । 72 घंटे तक के बार्डर पर आवाजाही बंद कर दी गई है ।हालांकि बार्डर सील होते ही दोनों देशों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

    कुछ भारतीय लोग नेपाल में फंस गए तो कई नेपाली लोग भारतीय क्षेत्र में फंसे हुए हैं । सुबह से सीमा सील होने की खबर को लेकर बार्डर पर दोनों ओर पर काफी भीड़ थी। लेकिन दोनों देश के पुलिस व एसएसबी ने किसी प्रवेश पर रोक लगा दी।

    सोनबरसा, कन्हौली, इंदरवा सहोरवा, लालबंदी बार्डर के चेक पोस्ट को सील कर दिया गया। हालांकि कुछ लोग पैदल ही खेत खलिहान के रास्ते नेपाल से भारत अथवा भारत से नेपाल निकल गए। वही, एंबुलेंस के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नही है।

    लेकिन बार्डर पर एंबुलेंस में मरीज होने पर ही गाड़ी की इंट्री की इजाजत दी जाएगी। वही, ऐसे भारतीय जो नेपाल में फंसे और मतदान के लिए आना है तो उन्हें 11 नवंबर को बार्डर पर आधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र दिखाने के बाद आने की अनुमति दी जाएगी।

    बार्डर सील होने पर लोगों को परेशानी

    बार्डर सील होने से दोनों देश के लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परेशानी को देखते कई लोग सरेह के रास्ते भी आते-जाते दिखे। भुतही गांव निवासी विष्णु दयाल बैठा अपनी पत्नी शांति देवी व पोता -पोती के साथ नेपाल के पैरोल स्थान चढ़वा चढाने गए थे।

    रात में अपनी पुत्री के घर नेपाल के बैलवास में रुक गए। सुबह जब बार्डर पर पहुंचे तो देखा कि सील है। इस दौरान शांति देवी की तबियत भी खराब हो गई। सभी लोग झीम नदी के किनारे होकर आ रहे थे। लेकिन एसएसबी जवानों ने रोक दिया लेकिन करीब 75 वर्षीया शांति देवी की तबियत खराब देखकर उन्हें आने की इजाजत दे दी।

    सोनबरसा में व्यवसाय पर असर

    बार्डर सील होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के लालबंदी, इंदरवा, कन्हौली, सहोरवा व सोनबरसा में व्यवसाय पर असर दिख रही है। साप्ताहिक हाट बाजार होने के कारण शनिवार को बाजार में भी सन्नटा पसरा रहा। व्यवसाई दुकान खोलकर बैठे रहे लेकिन ग्राहक काफी कम थे। सीमावर्ती क्षेत्र का व्यवसाय पूरी तरह नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है। प्रतिदिन हजारों ग्राहक नेपाल से रोजमर्रा के समान की खरीददारी करने आते हैं।