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    Bihar Chunav 2025: मुखर विरोध और खामोशी के बीच रघुनाथपुर की चुनावी जंग, देशभर की टिकी नजर

    By Kirti Kumar Pandey Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 07:26 PM (IST)

    बिहार चुनाव 2025 के लिए रघुनाथपुर की चुनावी जंग महत्वपूर्ण हो गई है। मुखर विरोध और खामोशी के बीच यह मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है, जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। रघुनाथपुर का चुनाव बिहार के आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। विभिन्न राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

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    रघुनाथपुर का चौराहा। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    कीर्ति पांडेय, सिवान। पहले चरण के तहत जिले की आठों विधानसभा में गुरुवार को मतदान होगा। रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर इस बार जिले के साथ-साथ राज्य और देश की नजर है।

    इसका मुख्य कारण यहां से विभिन्न पार्टियों द्वारा चुनावी दंगल में उतारे गए उनके प्रत्याशी हैं। एनडीए ने जदयू से विकास कुमार सिंह, राजद से ओसामा शहाब व जनसुराज से राहुल कीर्ति सिंह को जनता के सामने रखा है।

    खास बात यह है कि तीनों ही पार्टियों के प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा लोगों की जिज्ञासा दिवंगत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन (Ex MP Shahabuddin) के पुत्र ओसामा शहाब के चुनाव लड़ने को लेकर है।

    यह चुनाव एक तरह से प्रत्याशियों के साथ साथ मतदाताओं के लिए उनकी प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है, क्योंकि हेना शहाब पिछले तीन बार से लोकसभा में चुनाव लड़ रही हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है।

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    हेना शहाब नहीं जीत सकीं चुनाव 

    2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ कर भी जनता का दिल जीतने की कोशिश की लेकिन उन्हें हार ही हाथ लगी। इस बार राजद ने ओसामा शहाब को आगे लाकर युवाओं का ध्यान केंद्रि‍त करने की कोशिश की।

    राजनीतिक दृष्टिकोण से एनडीए ने इसे हाथों-हाथ लिया और इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हुए 1990 से 2005 के बीच राजद और सिवान के कार्यकाल की जनता को याद दिलाकर उन्हें फिर से उस वैसी गलती नहीं दोहराने की दुहाई दी।

    एनडीए ने अपने स्टार प्रचारकों में शामिल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य एनडीए के नेताओं की जुबानी चुनावी तीर छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

    खामोश रहकर चुनाव पर ध्‍यान ओसामा का

    एनडीए के मुखर विरोध के जवाब में ओसामा शहाब ने अबतक खामोश रहना ही बेहतर समझा है और अपना ध्यान चुनाव पर केंद्रि‍त किया। इस सीट की लड़ाई ने कई दरारों को भी भरने का एक तरह से काम किया है।

    इस बार जिले में जिस तरह से मुस्लिम और यादव वोटरों की जुगलबंदी दिख रही है। तेजस्वी की सभाओं में दिख रही भीड़ में युवाओं के चेहरे सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

    राजद के नेता भी मंच से युवा मुख्यमंत्री व युवा नेता के नारे लगाते हैं। ओसामा ने भी चुनावी सभा में अपने समर्थकों से दाएं-बाएं नहीं देखने और सुनने की अपील की है।


    दो बार से मिल रही हार को जीत में बदलने की कोशिश 

    रघुनाथपुर विधानसभा चुनाव में एनडीए को दो बार हार का सामना करना पड़ा है। यहां से वर्तमान विधायक हरिशंकर यादव इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बार विकास सिंह राजद को जीत का हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए पूरजोर कोशिश कर रहे हैं।

    एनडीए के समर्थक भी पिछले दो बार से मिल रही हार को जीत में बदलने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि यहां का वोटर कुछ भी प्रत्यक्ष रूप से कहने से बच रहा है।

    दूसरी ओर भाजपा नेता सह सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के चेयरमैन मनोज सिंह द्वारा इस क्षेत्र में अबतक चुनाव प्रचार में नहीं आना भी वोटरों को सोचने पर मजबूर कर रहा है और इसका फायदा राजद पूरी तरह से उठाने में जुटा है।


    मुद्दों की नहीं हो रही चर्चा 

    रघुनाथपुर जिले के दक्षिणांचल सीमा पर स्थित है। इस क्षेत्र में अबतक के चुनावी मुद्दों में किसानों की समस्या, अस्पतालों में महिला चिकित्सक की तैनाती, सहित अन्य जनहित के मुद्दों को छोड़ दिया गया है।

    इस पर भी यहां के वोटरों को नाराजगी है। वोटरों का कहना है कि जिन समस्याओं से वे जूझ रहे हैं उनके निदान को लेकर कोई चर्चा नहीं करा है ।


    एक नजर रघुनाथपुर विस पर

     

    • कुल मतदाता : 293741
    • पुरुष मतदाता : 154808
    • महिला मतदाता : 138924
    • अन्य मतदाता : 9