2020 के विधानसभा चुनाव में सात प्रत्याशी की हुई थी जमानत जब्त, नोटा रहा था चौथे स्थान पर
वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दारौंदा क्षेत्र से नौ उम्मीदवार थे, जिनमें से सात की जमानत जब्त हो गई। भाजपा के कर्णजीत सिंह और महागठबंधन के अमरनाथ यादव ही जमानत बचा पाए। नोटा को चौथा स्थान मिला। कर्णजीत सिंह ने अमरनाथ यादव को हराया। अब विधानसभा चुनाव 2025 में फिर से दोनों आमने-सामने होंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव
संवादसूत्र, दारौंदा (सिवान)। पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में कुल नौ प्रत्याशी चुनावी दंगल में थे। इसमें सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी, क्योंकि वे न्यूनतम वैध वोट प्रतिशत मानक पूरा नहीं कर सके थे। केवल दो प्रमुख उम्मीदवारों कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह (भाजपा) और अमरनाथ यादव महागठबंधन ने ही यह मानक पूरा किया और अपनी जमानत बचाई। इसमें नोटा चौथे स्थान पर रहा।
आंकड़े के अनुसार भाजपा प्रत्याशी कर्णजीत सिंह को कुल मत 71934 मिला था जो 44.09 प्रतिशत रहा जबकि दूसरे स्थान पर रहे सीपीआइ प्रत्याशी अमरनाथ यादव को 60614 मत मिले थे जो प्राप्त मत का 37.15 प्रतिशत रहा। इसके बाद नोटा सहित सात प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। इसमें नोटा चौथे स्थान पर रहा था।
नोटा बटन को 5458 मत मिले थे जो 3.35 प्रतिशत है। जमानत जब्त होने वाले में प्रत्याशी रोहित कुमार अनुराग, शैलेंद्र कुमार यादव, आनंद कुमार सिंह सहित अन्य प्रत्याशी थे। यह आंकड़ा बिहार विधानसभा चुनावों में एक सामान्य प्रवृत्ति को दर्शाता है, जहां कई छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को मतदाताओं का समर्थन नहीं मिलता, इसके परिणामस्वरूप उनकी जमानत जब्त हो जाती है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में कुल नौ उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें सात प्रमुख उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने 11,320 मतों के अंतर से अमरनाथ यादव को हराकर जीत दर्ज की थी।
विधानसभा चुनाव 2025 में एक बार फिर से एनडीए प्रत्याशी के रूप में कर्णजीत सिंह दूसरे स्थान पर रहे महागठबंधन प्रत्याशी अमरनाथ यादव चुनाव मैदान में आ चुके हैं।
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