Bihar New District: हर चुनाव में जोर-शोर से उठता है महाराजगंज को जिला बनाने का मुद्दा, 35 साल बाद भी अधूरी मांग
बिहार के महाराजगंज को जिला बनाने की मांग पिछले 35 सालों से अधूरी है। हर चुनाव में यह मुद्दा उठता है, लेकिन नेता जीतने के बाद वादे भूल जाते हैं। स्थानीय लोगों में निराशा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि जिला बनने से क्षेत्र का विकास होगा और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। वे सरकार से इस मांग पर ध्यान देने की अपील कर रहे हैं।

महाराजगंज को जिला बनाने का मुद्दा,
संवाद सूत्र, (महाराजगंज) सिवान। महाराजगंज को जिला का दर्जा आजतक नहीं मिला। हर विधान सभा चुनाव में यह मुद्दा रहता है। चुनाव में प्रत्याशी आते हैं वे जनता को आश्वासन जरूर देते है लेकिन पांच वर्ष बीत जाते हैं। जिला बनाने के लिए 1990 से जनता मांग कर रही है।
इसके लिए जिला बनाओ संधंर्ष समिति का भी गठन किया गया। संधंर्ष समिति के बैनर तले कई बार घरना दिया गया। बाजार बंद हुआ। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री , सांसद, विधायक, विधान पार्षद से लेकर वरीय अधिकारियों तक से मिलकर कई बार पत्र भी दिया गया।
कई चुनाव बीत गए पर मांग पूरी नहीं
यहां तक की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एकमा एवं सिवान सेवा यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सेनानी मुंशी सिंह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मिलकर जिला की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने हामी भी भर दी है लेकिन कई चुनाव बीत गए मांग पूरी नहीं हो सकी।
क्षेत्र वासी स्वतंत्रता सेनानी मुंशी सिंह,पूर्व प्रमुख इम्तियाज अहमद,प्रो सुबोध कुमार सिंह,रमेश उपाध्याय, रवीन्द्र सिंह,भोला कुमार, नन्हे प्रसाद,पुतुल कुमार, रामेश्वर कुमार आदि का कहना है कि हमारी यह मांग बराबर रहती है। हमें लगता है कि जल्द मांगे पुरी हो जायेगी। लेकिन 35 वर्ष बीत गये अभी तक यह मांगे पुरी नहीं हुई। इस चुनाव में भी यह मुद्दा जोर शोर से रहेगा।
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