Hajipur News: सीबीआई की जांच से हड़कंप, रडार पर आ सकते हैं रेलवे के कई अधिकारी और कर्मचारी
रेलवे विभाग में सीबीआई की जांच शुरू होने से हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि कई बड़े अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में आ सकते हैं। इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे अधिकारियों में डर का माहौल है। सबकी निगाहें अब सीबीआई की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।

जागरण संवाददाता, हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल जोन हाजीपुर अंतर्गत भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। इस मामले में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं दिख रहा है। रेलवे में अंदर ही अंदर इस बड़ी कार्रवाई की आग सुलग रही है। सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई से रेलवे में हर कोई डरा और सहमा हुआ दिख रहा है। हर कोई यही सवाल एक-दूसरे से पूछता दिख रहा है कि आखिर यहां भ्रष्टाचार के मामले में इतनी बड़ी कार्रवाई का सूत्रधार कौन है?
सीबीआई तक पूरी इंर्फामेशन कैसे पहुंची? मामला तो अंदर का ही होगा। इसी ठोस सूचना पर सीबीआई ने यहां जाल बिछाया और परिणाम सामने है। जब यह बड़ी कार्रवाई हो गई तो सीबीआई जांच का सिलसिला आगे बढ़ने को लेकर ना सिर्फ कंस्ट्रक्शन विभाग, बल्कि रेलवे के कई और बड़े अधिकारियों की नींद हराम हो गई है। हर कोई इस बात को लेकर आशंकित है कि अब सीबीआई जांच के इस दायरे में राडार पर अगला नंबर किसका होगा?
यहां यह भी बताते चलें कि पूर्व मध्य रेल जोन में सीबीआई के स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले में यह पहली कार्रवाई नहीं है, बल्कि हाल के वर्षों में जोन के साथ ही सोनपुर समेत अन्य मंडलों में कई अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है और अब भी या तो जांच की कार्रवाई चल रही है या फिर मामला सीबीआई कोर्ट में है।
ठोस सूचना पर सीबीआई ने उप मुख्य अभियंता समेत कर्मियों को दबोचा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार की शाम से लेकर मंगलवार की सुबह तक करीब 12 घंटे तक कार्रवाई की। बड़ी कार्रवाई करते हुए हाजीपुर स्थित रेलवे कंस्ट्रक्शन कार्यालय में छापेमारी की। सीबीआई को सूचना मिली थी कि पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर), हाजीपुर के उप मुख्य अभियंता (निर्माण) आलोक कुमार अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर निजी कंपनी के साथ साठगांठ कर बिलों में हेराफेरी कर रहे हैं।
इस तरह से वे कंपनी को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचा रहे हैं। पैसों के लेनदेन के कारण निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग से आंखें मूंद ली गई है। अधिकारी पैसों के लेनदेन के लिए क्यूआर कोड तक का इस्तेमाल कर रहे थे।
करोड़ों के नुकसान पहुंचाने की सूचना पर सीबीआई ने बिछाया जाल
इस दौरान जांच एजेंसी को पता चला कि उप मुख्य अभियंता आलोक कुमार पद का दुरुपयोग कर अपने अन्य सहयोगियों की मदद से हाजीपुर में निजी ठेकेदार तथा जेपीडब्ल्यू इंफ्राटेक (जेपीडब्ल्यू) के परियोजना प्रबंधक गोविंद भुल्लर (अमन भुल्लर), कर्मचारी सूरज प्रसाद और राजा व अन्य के साथ साजिश कर रेलवे को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह भी पता चला कि मेसर्स जेपीडब्ल्यू इंफ्राटेक (जेपीडब्ल्यू) और मेसर्स वीकेजे-जेपीडब्ल्यू जेवी अपने लंबित पीवीसी फाइल और अन्य गलत बिलों से अनुचित लाभ प्राप्त कर रहे हैं। सीबीआई ने आलोक कुमार और गोविंद भुल्लर के अलावा सूरज प्रसाद एवं अन्य लोक सेवक एवं निजी व्यक्तियों पर संज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया है।
करीब दो साल से डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद पर थे आलोक
कार्यालय के कर्मियों ने दबी जुबान बताया कि डिप्टी चीफ इंजीनियर आलोक कुमार करीब दो साल पहले यहां आए थे। उनके आने के बाद हेड क्लर्क आलोक कुमार दास एवं अनुसेवी मानिक दास भी करीब छह महीने से कार्यालय में आए थे।
बताया जाता है कि सीबीआई की टीम इस मामले में अब सभी के कनेक्शन की जांच के साथ ही पूर्व में जहां भी तैनाती रही है, सभी का इतिहास खंगालने में जुट गई है। सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई के बाद जैसे-जैसे जांच का दायरा आगे बढ़ेगा और भी मामले सामने आने और अन्य अधिकारी और कर्मियों के लपेटे में आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सीबीआई की कार्रवाई के दौरान एक-एक कर्मी की तलाशी के साथ पूछताछ
सूत्रों के अनुसार सीबीआई की रेड करीब 12 घंटे तक चली। रेड के दौरान कार्यालय के अन्य कर्मियों का मोबाइल बैग टीम ने अपने कब्जे में लेकर जांच-पड़ताल एवं कर्मियों से गहन पूछताछ की। कार्यालय के सभी कमरे में रखा गया। अलमीरा की बारी-बारी से जांच की गई। इस दौरान कार्यालय के कर्मियों को बाहर निकाल दिया गया था।
कार्रवाई पूरी होने के बाद करीब 12 बजे रात्रि को सभी कर्मियों को आफिस से घर जाने दिया गया। दबी जुबान कुछ कर्मियों ने बताया कि सीबीआई की कार्रवाई के दौरान सभी कमरे में अलमीरा की तलाशी ली गई। सभी कर्मियों का मोबाइल एवं बैग की भी जांच-पड़ताल की गई। उसके बाद रात्रि में करीब 12: बजे हम लोगों को छोड़ा गया।
तीसरे दिन भी कंस्ट्रक्शन कार्यालय में पसरा रहा सन्नाटा
रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित कंस्ट्रक्शन विभाग के कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई की आग यहां तीसरे दिन भी सुलग रही है। कार्रवाई के बाद तीसरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। कार्यालय में कई कर्मी या तो मौजूद नहीं दिखे या दिखे भी तो सभी ने मानो अपनी जुबान पर ताला लगा रखा था। वहीं कई कार्यालय खुले होने के बाद भी टेबल-कुर्सी खाली दिखाई दी।
मौके पर मौजूद कर्मियों से पूछताछ करने पर कर्मियों ने कुछ बताने से इनकार कर दिया। सीबीआई की रेड के बाद कर्मियों में डर का माहौल बना हुआ था। कर्मचारी कुछ बताने से बच रहे थे।
पूर्व मध्य रेल जाेन अंतर्गत जेपीडब्ल्यू इंफ्राटेक कर रहा है यह निर्माण
- बीजी रेल लाइन के निर्माण के संबंध में सुपौल स्टेशन (छोड़कर) से अररिया-सुपौल के बीच नई पिपरा स्टेशन (सहित) यानी किमी 73.000 से किमी 95.556 के बीच तटबंध में मिट्टी का काम।
- अररिया-रानीगंज के बीच स्टेशन भवन, सेवा भवन, एस एंड टी भवन, विद्युत भवन, आवासीय क्वार्टर, पहुंच मार्ग, उच्च स्तरीय प्लेटफार्म, घाट, पीपी शेड, एफओबी, परिसंचारी क्षेत्र, ऊंचाई गेज का निर्माण।
- अररिया सुपौल की नई रेल लाइन परियोजना का कार्य।
- हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन के निर्माण के संबंध में हरसिद्धि यार्ड (छोड़कर) से सुगौली यार्ड (सहित) तक तटबंध में मिट्टी का काम।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।