बलिदानी की अंतिम यात्रा में उमड़ी लोगों भीड़, जिला प्रशासन को नहीं मिला समय
महाराष्ट्र के पुणे में शहीद हुए राघोपुर के सावन कुमार सिंह का फतेहपुर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सेना के मातमी धुन के साथ उन्हें विदाई दी गई। हजारों लोग सावन कुमार सिंह अमर रहें के नारों के साथ शामिल हुए। शहीद की पत्नी और बच्चों का विलाप सुनकर सबकी आंखें भर आईं। उनके 5 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी।

संवाद सूत्र, राघोपुर। महाराष्ट्र के पुणे में बलिदानी हुए फतेहपुर निवासी सेवा निवृत्त सैनिक ललन कुमार सिंह के पुत्र शहीद सावन कुमार सिंह का शुक्रवार को पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ फतेहपुर घाट पर अंतिम संस्कार किया। सेना के मातमी धुन के बीच सैनिक सम्मान के साथ बलिदानी जवान को अंतिम विदाई दी गई।
अंतिम संस्कार में हर किसी की आंखें थीं। इस कारूणिक दृश्य देख लोगों की आंखें भर आई। सावन कुमार सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे से राघोपुर फतेहपुर की धरती गूंज उठी। दानापुर एवं दिल्ली आर्मी कैंप से सेना की दस्ता शुक्रवार की अल सुबह तिरंगे में लिपटी बलिदानी सावन कुमार सिंह का पार्थिव शरीर लेकर फतेहपुर पैतृक गांव पहुंचा।
आंखों में आंसू और हाथों में फुल लिए स्वजन व ग्रामीण बलिदानी सावन कुमार सिंह के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे थे। पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा मां, पिता ललन कुमार सिंह,पत्नी निधि, भाई सुवीर कुमार और बेटी बेटा व अन्य स्वजनों के विलाप से वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों से अश्रु धारा बह निकली। हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ बलिदानी को अंतिम विदाई दी। इस दौरान देशभक्ति नारो से पूरा इलाका गूंज उठा।
पत्नी और बेटी पार्थिव शरीर से लिपटकर रोती रही
शहीद की पत्नी निधि और बेटी पार्थिव शरीर से लिपटकर रोती रही, दोनों को रोते बिलखते देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों आंसू से भर गया। पत्नी रोते हुए बोल रही थी कि इतनी जल्दी आप हम सभी को छोड़कर इस दुनिया से क्यों चले गए। अब हम बेटी और बेटा को लेकर किसके सहारे रहेंगे।
फतेहपुर घाट पर शहीद के पुत्र ने दी मुखाग्नि
शहीद सावन कुमार सिंह के 5 वर्षीय पुत्र प्रणव कुमार ने अपने पिता की मुखाग्नि दी। इस दौरान घाट पर मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद के स्वजन सहित सभी लोगों की आंखें आंसू से भर गया। शहीद के पुत्र पिता के शरीर में आग मत लगाओ ऐसा कहकर रोते रहे।
शहीद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा जिला प्रशासन
शहीद सावन कुमार सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को फतेहपुर घाट पर किया गया। हालांकि अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन का कोई प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी शामिल नहीं हुए। शहीद के दरवाजे पर भी स्थानीय एवं जिला प्रशासन के कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। जिसे लेकर शहीद के स्वजन एवं स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी को शामिल होना चाहिए। स्थानीय त्रिभूनाथ कुमार ने बताया कि अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी शामिल नहीं हुए जिसे लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों लोग
फतेहपुर घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान श्रद्धांजलि सभा में प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश, पूर्व विधायक सतीश कुमार, भाजपा नेता गौतम सिंह, इंजीनियर राकेश रोशन , जिला परिषद सदस्य नागेंद्र चौधरी,बीस सूत्री अध्यक्ष धनंजय सिंह,राघोपुर थाना अध्यक्ष पंकज कुमार, फतेहपुर पंचायत की सरपंच अंचला देवी सहित फतेहपुर सहित राघोपुर प्रखंड के विभिन्न गांव के सैकड़ों युवा, बुजुर्ग बच्चे आदि शामिल हुए।
घाट पर सेना के जवान ने अपने अधिकारी के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। घाट पर पहुंचे सभी लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
महाराष्ट्र के पुणे मिलिट्री हॉस्पिटल में बुधवार को बलिदानी हुए थे सावन कुमार सिंह
राघोपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर निवासी सेना के जवान ड्यूटी के दौरान महाराष्ट्र के पुणे में मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज के क्रम में बीते बुधवार को बलिदानी हो गये थे। बलिदानी सेना के जवान राघोपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर निवासी सेवानिवृत्ति सैनिक ललन प्रसाद सिंह के 34 वर्षीय पुत्र सावन कुमार सिंह थे।
मिली जानकारी के अनुसार सावन बीमार चल रहे थे। इलाज के लिए मिलिट्री हॉस्पिटल पुणे में भर्ती कराया गया।जहां इलाज के दौरान वह बलिदानी हो गए। मिली जानकारी के अनुसार सावन कुमार सिंह का प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही शिशु विद्या मंदिर में हुई थी। वह स्नातक तक पढ़ाई पूरी करने के बाद सेना में शामिल हुए।
वह 2010 में पटना स्थित दानापुर में आर्मी की भर्ती में शामिल होने गए थे।इसी दौरान उनका चयण हुआ था।वह देश की सेवा पिछले कई वर्षों से कर रहे थे। उनकी शादी 2015 में वैशाली जिले के शंभूपुर कुंआरी गांव निवासी निधि कुमारी के साथ हुआ था। 5 साल का एक पुत्र और 9 साल की पुत्री है।वह दो भाई एक बहन है। उनके दो चचेरा भाई एक सीआरपीएफ एवं दूसरा इंडियन नेवी एवं भाई यूपी पुलिस में तैनात है।
उनके पिता ललन प्रसाद सिंह सेवानिवृत्ति सैनिक एवं माता ज्ञानती देवी हाउसवाइफ है। सावन कुमार सिंह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे। उनका सपना था कि वह देश की सेवा के लिए सेवा में अपना योगदान दे।उन्होंने अपना सपना पूरा कर पिछले कई बरसों से देश की सेवा में अपना योगदान दे रहे थे।
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