बगहा में 40 लाख का ऑक्सीजन प्लांट बना ‘सफेद हाथी’, निर्माण के 4 साल बाद भी एक दिन नहीं चला
बगहा में 40 लाख की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट शोपीस बना हुआ है, जो निर्माण के बाद से कभी नहीं चला। पुराना भवन टूटने से यह और भी अनुपयोगी हो गया है। ऑक ...और पढ़ें

ऑक्सीजन प्लांट बना ‘सफेद हाथी’
संवाद सहयोगी, बगहा। 40 लाख से बना ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बना हुआ है। निर्माण के बाद से अब तक उसकी सेवा नहीं मिली है। अब पुराना भवन भी टूट गया है। ऐसे में यह अनुपयोगी पड़ा हुआ है।
दूसरी ओर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने के बावजूद कई परिस्थितियों में ऑक्सीजन सिलेंडरों के माध्यम से आपूर्ति जारी रहती है। ऐसा मुख्य रूप से उन स्थानों या स्थितियों में होता है जहां ऑक्सीजन की लगातार और त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करनी होती है।
आपातकालीन सेवाओं में सिलेंडरों की भूमिका महत्वपूर्ण
ऑक्सीजन प्लांट का उत्पादन प्रक्रिया अपेक्षाकृत स्थिर और नियंत्रित होती है, लेकिन मांग में अचानक वृद्धि, मशीनों के रखरखाव, या वितरण नेटवर्क में असुविधा होने पर सिलेंडर एक महत्वपूर्ण बैकअप प्रणाली के रूप में काम करते हैं।
विशेष रूप से अस्पतालों, उद्योगों और आपातकालीन सेवाओं में सिलेंडरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग इसलिए भी जारी रहता है क्योंकि यह मोबाइल और पोर्टेबल होता है।
सिलेंडरों की आपूर्ति निर्बाध
प्लांट से सीधे पाइप लाइन द्वारा जुड़े स्थानों के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में ऑक्सीजन पहुंचाने का सरल और त्वरित माध्यम सिलेंडर ही होता है। साथ ही, प्लांट में तकनीकी समस्या आने पर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सिलेंडरों की आपूर्ति निर्बाध रूप से चलती रहती है।
कई बार प्लांट की उत्पादन क्षमता सीमित होने के कारण भी अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए सिलेंडरों का उपयोग आवश्यक हो जाता है। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में भी सिलेंडरों की भूमिका अनिवार्य है, क्योंकि एम्बुलेंस, मोबाइल मेडिकल यूनिट और छोटे अस्पताल अक्सर पाइपलाइन आधारित सप्लाई पर निर्भर नहीं होते।
इसके अतिरिक्त, औद्योगिक इकाइयों में भी उच्च दाब पर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिसे सिलेंडर आसानी से पूरा करते हैं। वर्ष 2021 में डॉक्टर फॉर यू स्वयं सेवी संस्था के द्वारा इसका निर्माण किया गया था निर्माण के बाद से आज तक नहीं चला है।
अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई जा चुकी
मामले में प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर एके तिवारी ने बताया की बढ़िया अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई जा चुकी है। निर्माण के बाद से कभी भी सुचारू रूप से या प्लांट नहीं चला है। नए फोन का टेंडर रद्द हो गया है, अब टेंडर होगा निर्माण होगा तो उसके बाद इसका उपयोग करने के बारे में वरीय अधिकारी निर्णय लेंगे।

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