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    सरकारी शिक्षक भूलकर भी न करें यह गलती वरना लग जाएगा घर से घाटा

    By Ajit kumarEdited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:14 PM (IST)

    BIHAR NEWS: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रशिक्षण के लिए आने वाले शिक्षकों को आते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए। यदि परिषद के आदेश के अनुसार तय जरूरी दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है। उन्हें उसके लिए किया जाने वाला भुगतान रोका जा सकता है।

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    Bihar News: संयुक्त निदेश की ओर से सभी डीईओ व डीपीओ एसएसए के लिए पत्र जारी किया गया है। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, बेतिया (पश्चिम चंपारण)।BIHAR NEWS: बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब विभागों में कामकाज शुरू हो गया है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद,पटना ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। उसकी अनदेखी करने पर आर्थिक नुकसान हो सकता है। भुगतान तक रोका जा सकता है। 

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    परिषद की संयुक्त निदेशक सुषमा कुमारी की ओर स जारी पत्र में कहा गया है कि सेवाकालीन प्रशिक्षण में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण स्थल पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक की छाया प्रति अनिवार्य रूप से साथ लानी होगी। परिषद के अनुसार शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार चलता रहता है। 

    इसका आयोजन विभिन्न शिक्षण संस्थानों और राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना में किया जाता है। इन प्रशिक्षणों में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को नियमानुसार ट्रैवलिंग अलाउंस दिया जाता है, लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिनका पे-आइडी ही उपलब्ध नहीं है। 

    पे-आइडी के अभाव में टीए यानी यात्रा भत्ता का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। इसलिए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए आधार, पैन और पासबुक की कॉपी आवश्यक कर दी गई है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना ने स्पष्ट किया है कि बिना इन दस्तावेजों के उपस्थित होने वाले शिक्षकों का टीए भुगतान आगे भी लंबित रह सकता है। 

    इसकी वजह से आर्थिक नुकसान हो सकता है। जबकि प्रशिक्षण के आने-जाने रहने और खाने में उन्हें अपने पास से खर्च करना होगा। इसलिए प्रत्येक शिक्षक से निर्धारित दस्तावेज साथ लेकर प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचने की अपील की गई है। परिषद ने यह भी कहा है कि प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने के लिए शिक्षक अपने कक्षावार और विषयवार प्रशिक्षण आधारित पाठ्यपुस्तकें भी साथ लाएं। 

    इससे प्रशिक्षण के दौरान पुस्तकों के आधार पर विषय-संबंधी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हो सकेगी। इन निर्देशों को लागू करने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना ने सूबे के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ से कहा है कि वे प्रशिक्षण के लिए टैग किए जा रहे शिक्षकों को स्पष्ट रूप से आदेश जारी करें। 

    प्रशिक्षण स्थल पर दस्तावेज सत्यापन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। ताकि प्रतिभागियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकारी शिक्षकों की अक्सर यह शिकायत देखी गई है कि विभाग की ओर से भुगतान प्रक्रिया लंबित रखी जाती है। न केवल यात्रा भत्ता वरन अन्य भुगतान के लिए कई बार शिक्षा के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है।