West Champaran : क्या बायोमेट्रिक सत्यापन किसानों के लिए सहूलियत है या नई मुसीबत?
पश्चिम चंपारण के मझौलिया में रबी फसल बीज वितरण के दौरान किसानों की भारी भीड़ उमड़ी। बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता के कारण किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ा, जिससे उन्होंने हंगामा किया। किसानों का कहना है कि नई प्रक्रिया से राज्य से बाहर रहने वाले किसानों को परेशानी हो रही है। उन्होंने सरकार से प्रक्रिया में लचीलापन लाने की मांग की है।

पश्चिम चंपारण के मझौलिया में बीज लेने के लिए कतार में खड़े किसान । जागरण
संवाद सूत्र, मझौलिया (पश्चिम चंपारण) । पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया प्रखंड कृषि कार्यालय में मंगलवार को रबी फसल के अनुदानित बीज वितरण को लेकर भारी भीड़ जुटी। सुबह आठ बजे से ही सैकड़ों किसानों की लंबी कतार लग गई, जिसमें घंटों इंतजार के बाद उन्हें दोपहर तक बीज मिल सका। इसको लेकर वितरण व्यवस्था में लापरवाही का आरोप लगाकर किसानों ने जमकर हंगामा किया।
चूंकि किसानों के बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही बीज वितरण का प्राविधान है। बायोमेट्रिक सत्यापन में काफी वक्त लगा रहा है। ऐसे में कतार में खड़े किसानों में गुस्सा है।
किसानों में सुमन पांडेय, आफताब जमाल, मोजालीम अंसारी, अमित पांडेय, रूपेश पांडेय, योगेंद्र महतो, गोल्डेन पांडेय ने बताया कि अनुदानित बीज उठाने के लिए अत्यधिक मशक्कत करनी पड़ रही है।किसानों ने कहा कि कृषि विभाग की नई प्रक्रिया के कारण राज्य से बाहर रहने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
नियम बदलने से छोटे किसान प्रभावित
पहले ओटीपी के आधार पर किसानों को बीज मिलता है। लेकिन अब किसान भवन में स्वयं उपस्थित होकर बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे बाहर मजदूरी करने गए मध्यम व निम्नवर्गीय किसानों को बीज नहीं मिल रहा है।
केवल बीज लेने के लिए हजारों रुपये खर्च कर घर आना पड़ा है। जो किसान आने में असमर्थ हैं, वे अनुदानित बीज से वंचित रह जा रहे हैं।दर्जनों किसानों ने बताया कि कई परिवारों में किसान रजिस्ट्रेशन घर के अभिभावक के नाम से है और वे रोजी-रोटी के लिए राज्य से बाहर हैं। ऐसे में घर पर रह रहे परिजन बीज नहीं ले पा रहे, जिससे किसानों में भारी नाराजगी है।
किसानों ने सरकार से मांग की कि इस प्रक्रिया में लचीलापन लाया जाए, ताकि राज्य से बाहर रहने वाले किसानों को भी अनुदानित बीज का लाभ मिल सके।
सरकार की ओर से निर्धारित सिस्टम के तहत ही बीज का वितरण किया जा रहा है। जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन है, उन्हें अनुदानित बीज लेने के लिए किसान भवन आना अनिवार्य है। बायोमेट्रिक सत्यापन से वितरण की रफ्तार थोड़ी धीमी जरुर है, लेकिन सभी किसानों को बीज मिलेगा।
--अबुलैस अनवर, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, मझौलिया

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