27 साल बाद टीपू पांडेय हत्याकांड मामले में मिलेगा इंसाफ, अभियुक्त गुड्डू गुप्ता दोषी करार
बगहा में 27 साल पहले टीपू पांडेय हत्याकांड में अदालत ने गुड्डू गुप्ता को दोषी पाया। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र की अदालत ने यह फैसला सुनाया। उनकी सजा पर सुनवाई 9 सितंबर को होगी। लोक अभियोजक जितेन्द्र भारती के अनुसार पहले फैसला टाला गया क्योंकि अभियुक्त ने बीमारी का हवाला दिया था।

जागरण संवाददाता, बगहा। 27 साल पहले बगहा-छितौनी रेल लाइन सह सड़क निर्माण के दौरान हुई टीपू पांडेय की हत्या मामले में बड़ा मोड़ आया है। गुरुवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेन्द्र मिश्र की अदालत ने अभियुक्त गुड्डू गुप्ता उर्फ चन्द्र प्रकाश गुप्ता को दोषी करार दिया।
अदालत में सुनवाई हुई और दोषी करार दिए जाने के बाद अभियुक्त को पुलिस अभिरक्षा में ले लिया गया। हालांकि, उनकी सजा पर सुनवाई नौ सितंबर को होगी। इस मामले में लोक अभियोजक जितेन्द्र भारती ने बताया कि टीपू पांडेय हत्याकांड की सजा सुनाने के लिए मंगलवार को तिथि निर्धारित थी, लेकिन अभियुक्त के बीमार पड़ जाने के कारण फैसला नहीं हो सका।
गुड्डू गुप्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में मेडिकल पेश किया और तीन दिन तक फैसले को स्थगित करने की मांग की। इस मामले की सुनवाई 22 अगस्त को पूरी हो चुकी थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी साक्ष्य और सबूत कोर्ट में पेश किए थे।
बता दें कि इस मामले में एक अन्य अभियुक्त विपिन सिंह को पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। मामले में पुलिस ने मृतक टीपू पांडेय की मां राधा देवी और भाई जय प्रकाश पांडेय का 164 का बयान भी न्यायालय में कराया था। इन दोनों साक्षियों ने आरोप लगाया था कि गुड्डू गुप्ता और विपिन सिंह ने मिलकर टीपू पांडेय की हत्या की थी।
मामले की विस्तृत जानकारी
1998 में बगहा के बनकटवा निवासी टीपू पांडेय बगहा बाजार के सुशील कुमार गुप्ता के यहां मुंशी का कार्य करते थे। उसी साल बगहा-छितौनी रेल लाइन सह सड़क निर्माण के दौरान टीपू पांडेय और विपिन कुमार सिंह गुड्डू गुप्ता के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
घटना के दिन सुबह करीब 8:45 बजे साइट पर गोली मारकर टीपू पांडेय की हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय मृतक पिछले मजदूरी के भुगतान की मांग कर रहा था, जिस पर गुड्डू गुप्ता ने कहा था कि "आज तुम्हारा सब हिसाब कर देंगे," और बाद में हत्या कर दी।
यह मामला 27 साल बाद न्यायालय में अंतिम दौर में पहुंचा है। इस कांड के मुख्य अभियुक्त विपिन सिंह को पहले ही 12 जून 2025 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। टीपू पांडेय की हत्या के बाद लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब अंततः दोषियों को सजा दिलाई जा रही है, जिससे इस मामले में न्याय की उम्मीद जगी है।
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