Prashant Kishor: सारी संपत्ति जनसुराज को दान करेंगे पीके; बोले- कम से कम 1000 डोनेट करेंगे, तभी होगी मुलाकात
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भितिहरवा गांधी आश्रम में अपना मौन उपवास तोड़ा और जन आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने 15 जनवरी से 'बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान' के तहत सभी वार्डों में जनता से संवाद करने की घोषणा की।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते प्रशांत किशोर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (प. चंपारण)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन उपवास समाप्त कर दिया।
उपवास तोड़ने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महात्मा गांधी की प्रेरणा से पुनः जन आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प जताया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की मूल सोच यही है कि सिर्फ सरकार या सत्ता परिवर्तन से व्यवस्था नहीं बदलती, समाज के भीतर बदलाव लाना जरूरी है। दावा किया कि आगामी 15 जनवरी से वे बिहार के सभी 1 लाख 18 हजार वार्डों में जाकर बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान के तहत जनता से सीधा संवाद करेंगे। उस दौरान सरकार द्वारा किए गए वादों की वास्तविक स्थिति लोगों के सामने रखेंगे और उन्हें पूरा कराने की पहल भी करेंगे।
पीके ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में जन सुराज एक बड़े जन-परिवार के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में लंबे समय से जातीय विभाजन, पैसे की ताकत और धार्मिक ध्रुवीकरण हावी रहा है, जिसका असर चुनावों में साफ दिखता है।
बिहार के समाज में अपार ताकत है, लेकिन वर्षों से बनी खाई को भरने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में परिवर्तन तभी संभव है जब समाज स्वयं जागरूक होकर अपने अधिकार और कर्तव्य को समझे। बिहार में रोजगार, शिक्षा, पलायन रोका जा सकता है। स्वतंत्र भारत में गरीब हो, अमीर हो, सबको मतदान का अधिकार है।
अमेरिका जैसे देश को मतदान का हक लेने में काफी समय लग गया। सरकार चुनाव के पहले योजना निकालती है कि जो लोग गरीब है, उन महिलाओं को 10- 10 हजार रुपये दिया जाएगा। इसके बाद दो लाख रुपये स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा। इसके पीछे सरकारी तंत्र लगाकर उनका वोट खरीदा जाता है। उनको जीविका के समूह से जोड़ा गया। ताकि पैसा लेकर बदल नहीं जाए।
खत्म हो जाएगा लोकतंत्र
पीके ने कहा कि नीतीश कुमार व्यक्तिगत रूप से ईमानदार नेता है। लेकिन यह इमानदारी की कौन सी परिभाषा है। संविधान की बातों की अवेहलना भी बेईमानी है। गरीब महिलाओं को 10 हजार के सवाल पर कहा कि अगर यह व्यवस्था लागू कर दिया जाए तो देश से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। कोई चुनाव ही नहीं हारेगा।
कोई भी सरकार कर्ज लेकर या राशि बांट देगी। बिहार सरकार का पैसा नहीं था। लेकिन पैसा का अरेंजमेंट कर वोट खरीदा गया है। दस हजार रुपये का लालच देकर गरीबों से उनके बच्चों के रोजगार के सपने को छीन लिया गया। यह अन्याय है। इस अन्याय के सामने हम लोग झुकने वाले नहीं है। इसीलिए भितिहरवा में एक दिन का मौन उपवास किया। ताकि इसी गांधी की धरती से प्रेरणा ले सकें और पूरी ताकत से ईमानदारी और शुद्धता से लड़ाई सके।
उन्होंने कहा कि गरीबों को दो-दो लाख का देने का लालच दिया गया है। जनसुराज की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक व्यक्ति तक हम पहुंचेंगे और फॉर्म भरवाएंगे। जो महिला को दस हजार दिया गया और बोला गया है कि 2 लाख आएगा। उन सभी लोगों के घर जाएंगे। उन महिलाओं को दो दिलवाने का प्रयास करेंगे।
पीके ने कहा कि अब सरकारी अधिकारी उन महिलाओं से शर्त की बात करेंगे। दस हजार देने में कोई शर्त नहीं था। सरकारी शर्तों के हिसाब से ग्रामीण विकास मंत्रालय शर्त जारी किए हैं। शर्तों के मुताबिक बिहार के उन डेढ़ करोड़ महिलाओं के फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी साथियों की है। ताकि लोगों को पता चल सके कि आपको पैसा मिल रहा है कि नहीं।
आपराधिक छवि के लोगों को बनाया गया मंत्री
प्रशांत किशोर ने कल बनी कैबिनेट के बारे में बताया कि ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है जो अपराधी छवि के हैं। पढ़े-लिखे नहीं है। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उस व्यक्ति को मंत्री का बनाया गया है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त है। वह वोट खरीद कर बता दिया कि सरकार अपने मन से चलाएंगे। अगर किए गए वादों पर सरकार खरा नहीं उतरी तो सरकार का भी घेराव करेंगे। ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके।
90 प्रतिशत जनसुराज को डोनेट
प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरे 5 वर्षों की कमाई का 90 प्रतिशत राशि मैं जन सुराज के लिए डोनेट कर रहा हूं। 20 वर्षों की कमाई का केवल दिल्ली के घर को अपने परिवार के लिए छोड़कर जनसुराज के लिए चल-अचल संपत्ति भी डोनेट कर रहा हूं।
इस अभियान को चलाने के लिए सभी व्यक्तियों से अपील कर रहा हूं कि एक हजार रुपये डोनेट करें, जो डोनेट करेंगे। हम उन्हीं से मिलेंगे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, संगठन महासचिव सुभाष कुशवाहा, किशोर कुमार, मुन्ना पांडेय, रितेश पांडेय, आरके मिश्रा, अभिजय सिंह आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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