West Champaran : 24 घंटे का उपवास लेकिन क्यों? भितिहरवा में प्रशांत किशोर की ‘चिंतन साधना’ के मायने क्या?
पश्चिम चंपारण के गौनाहा में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा आश्रम में 24 घंटे का उपवास करेंगे। वे महात्मा गांधी की कर्मभूमि पर आत्मचिंतन करेंगे, जहाँ उन्होंने 2022 में पदयात्रा शुरू की थी। वे अपनी राजनीतिक प्रयासों और हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई दी और सरकार से वादे पूरे करने का आग्रह किया। कार्यक्रम की अनुमति अभी तक नहीं ली गई है।

भितिहरवा आश्रम के पास उपवास के लिए लग रहे टेंट। जागरण
संवाद सूत्र, गौनाहा (पश्चिम चंपारण)। बिहार में बदलाव के संकल्प के साथ भितिहरवा गांधी आश्रम से पदयात्रा आरंभ कर विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर गुरुवार को भितिहरवा आश्रम में 24 घंटे के सामूहिक उपवास पर बैठेंगे।
महात्मा गांधी की कर्मभूमि पर वह आत्मचिंतन करेंगे। इसके लिए भितिहरवा गांधी आश्रम के पास टेंट लग रहा है। काफी संख्या में कार्यकर्ता भी पहुंचेंगे। बुधवार की शाम में ही जनसुराज के कई नेताओं के पहुंचने की संभावना है।
प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 को यहीं से पूरे बिहार के लिए पदयात्रा शुरू की थी। उसी गांधी की कर्मभूमि पर लौटकर वे अपने राजनीतिक प्रयासों और परिणामों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा है कि जिस दल को साढ़े तीन प्रतिशत वोट मिला हो, उसकी हार के कारणों पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।
उन्होंने माना है कि व्यवस्था परिवर्तन के लक्ष्य के साथ जनसुराज आंदोलन शुरू किया गया था, लेकिन न तो व्यवस्था परिवर्तन हो सका और न ही सत्ता परिवर्तन। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में थोड़ी बहुत भूमिका जरूर बनी, लेकिन जनता का विश्वास हासिल करने में वे सफल नहीं रहे। उन्होंने स्वीकार किया है कि प्रयास, विचार और जनता तक बात पहुंचाने के तरीके में उनसे कोई चूक हुई होगी।हालांकि, उन्होंने चुनाव जीतने वाले सभी प्रत्याशियों को बधाई देते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता से किए वादों को पूरा करें, भ्रष्टाचार खत्म करें, रोजगार उपलब्ध कराएं और पलायन रोकें।
उधर, नरकटियागंज अनुमंडल पदाधिकारी सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम की दूरभाष से सूचना मिली है। लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई लिखित रूप से अनुमति नहीं ली गई है।

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