हत्या के मामले में पूर्व थाना प्रभारी व डाक्टर की गिरफ्तारी का आदेश, कोर्ट ने अभियोजन को फटकारा
रामनगर थाना क्षेत्र के हत्या मामले में गवाहों के लगातार अनुपस्थित रहने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। पूर्व थाना प्रभारी और डॉक्टर समेत आठ गवाहों को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया गया है। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि न्याय में देरी के लिए पुलिस जिम्मेदार होगी। गवाही के अभाव में मामला वर्षों से लंबित है जिसका शीघ्र निष्पादन आवश्यक है।

जागरण संवाददाता, बगहा (पश्चिम चंपारण)। रामनगर थाना क्षेत्र के हत्या मामले में लगातार टल रही गवाहियों से नाराज जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र की अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने रामनगर के पूर्व थाना प्रभारी शारदा प्रसाद सिंह और अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर एसपी अग्रवाल सहित कुल आठ गवाहों को गिरफ्तार कर 25 सितंबर को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश एसपी बगहा को दिया है।
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को भी लापरवाही के लिए फटकार लगाई है और स्पष्ट कहा है कि यदि न्याय में देरी हुई तो इसकी जिम्मेदार अभियोजन और पुलिस होगी। अदालत ने कहा कि गवाही के अभाव में वर्षों से लंबित इस गंभीर मामले का अब शीघ्र निष्पादन आवश्यक है।
यह आदेश गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान तब आया, जब गवाहों की पुकार पर एक भी गवाह उपस्थित नहीं पाया गया। जानकारी के अनुसार, अभियोजन पक्ष द्वारा पूर्व में ही, 13 दिसंबर 2021 को उक्त गवाहों के विरुद्ध जमानतीय वारंट निर्गत कराया गया था।
बावजूद इसके, गवाहों की अनुपस्थिति के कारण मामला वर्षों से लंबित है और न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। यह मामला रामनगर थाना कांड संख्या 357/2008 से जुड़ा है, जिसमें रामनगर निवासी नारायण कुमार अग्रवाल ने अपने भाई योगेन्द्र कुमार अग्रवाल की हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस केस में कुल 12 गवाह हैं, लेकिन अब तक केवल चार गवाहों की ही गवाही हो पाई है।अब देखना है कि बगहा पुलिस कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कितनी तत्परता से कार्रवाई करती है।
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