8th Pay Commission: इस पेंशन स्कीम पर 26 लाख कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग, पीएम मोदी को लिखा पत्र; क्या है डिमांड?
लगभग 26 लाख कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग की है। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) सेवानिवृत्ति के बाद पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा प्रदान नहीं करती है। उनका तर्क है कि ओपीएस में अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था, जो एनपीएस में संभव नहीं है।
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8th Pay Commission: इस पेंशन स्कीम पर 26 लाख कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग, पीएम मोदी को लिखा पत्र; क्या है डिमांड?
8th Pay Commission News: आठवें वेतन आयोग की तैयारियों के बीच 26 लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने पीएम मोदी के सामने अपनी सबसे बड़ी मांग रख दी है। कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजा है।
नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) जेसीएम ने 8th पे कमीशन के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (ToR) में बदलाव की मांग की है। सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने लिखा कि नए टीओआर में कई जरूरी बातें शामिल नहीं हैं, जबकि ये कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में हैं।
NC-JCM ने साफ कहा है कि जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए और वर्तमान में NPS में शामिल 26 लाख कर्मचारियों के लिए OPS बहाल की जाए। पत्र में कहा गया है कि यह लंबे समय से लंबित और न्यायसंगत मांग है, जो रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी है।
स्टेकहोल्डर्स की अपेक्षाएं शामिल की जाएं
NC-JCM ने सबसे पहले यह मांग उठाई कि 8th CPC के ToR में हितकारकों की अपेक्षाएं (expectations of stakeholders) वाला क्लॉज वापस जोड़ा जाए। शिव गोपाल मिश्रा ने लिखा कि, "7वें वेतन आयोग के ToR में यह क्लॉज था, लेकिन 8th CPC में हटाने से लाखों कर्मचारियों में निराशा है।"
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पेंशन रिवीजन को भी शामिल करने की मांग
पत्र में कहा गया कि ToR में पेंशन रिवीजन का जिक्र नहीं है, जबकि सरकार ने कहा था कि 8th CPC कर्मचारियों और पेंशनरों-दोनों को कवर करेगा। NC-JCM ने 7th CPC का उदाहरण देते हुए कहा कि उसकी तरह 8th CPC में भी प्री-2026 पेंशनरों की पेंशन रिवीजन शामिल होनी चाहिए।
सुझावों में क्या-क्या है शामिल?
- 15 साल के बजाय 11 साल बाद पेंशन कम्यूटेशन की बहाली
- हर 5 साल में 5% अतिरिक्त पेंशन
- सभी पेंशनरों को रिवीजन कवरेज
- अप्राप्त लागत (Unfunded cost) वाला शब्द हटाने की मांग
नेशनल काउंसिल ने आपत्ति जताई कि ToR में गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अप्रदत्त लागत (unfunded cost of non-contributory pension schemes) लिखा गया है, जो OPS को आर्थिक बोझ बताता है। लेटर में कहा गया है कि यह शब्दावली असंवैधानिक अधिकारों को बोझ की तरह प्रस्तुत करती है, इसे हटाया जाए।
1 जनवरी 2026 को मेंशन करने की अपील
कर्मचारी संगठन ने कहा कि ToR में लागू होने की तारीख साफ नहीं लिखी, जिससे कर्मचारियों में भ्रम है। काउंसिल का कहना है कि 8th CPC की सिफारिशें 01.01.2026 से लागू की जाएं और यह तारीख ToR में स्पष्ट लिखी जाए।
20% अंतरिम राहत की भी मांग
महंगाई को देखते हुए संगठन ने 20% अंतरिम राहत (Interim Relief-IR) देने की मांग की है। NC-JCM ने लिखा कि, "यह कदम सरकार की अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएगा और तात्कालिक राहत देगा।" दावा का आठवें वेतन आयोग के शुरू होते ही यह पहली बड़ी कर्मचारी पहल है, जिसने सीधे पीएम तक अपनी मांग पहुंचाई है। अब नजर सरकार की प्रतिक्रिया पर है।

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