ट्रंप टैरिफ के बीच भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दिखाया दम, PMI 2 महीने के उच्चतम स्तर पर; GST कट का दिखा असर
India manufacturing sector: ट्रंप टैरिफ के बीच, भारतीय विनिर्माण क्षेत्र ने मजबूती दिखाई है। नवीनतम पीएमआई डेटा दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो उत्पादन गतिविधि में तेजी का संकेत देता है। जीएसटी कटौती ने मांग बढ़ाकर उत्पादन और बिक्री में वृद्धि की है। पीएमआई में वृद्धि आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक है, जिससे रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।

ट्रंप टैरिफ के बीच भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दिखाया दम, PMI 2 महीने के उच्चतम स्तर पर; GST कट का दिखा असर
नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ के बीच भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (India manufacturing sector) ने अपना दम दिखाया है। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में फिर से मजबूती दिखी। HSBC फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर के 57.7 से बढ़कर दो महीने के हाई 58.4 पर पहुंच गया।
S&P ग्लोबल के डेटा से पता चलता है कि देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत घरेलू मांग और कम होते कॉस्ट प्रेशर के कारण अच्छी गति से बढ़ रहा है। मैन्युफैक्चरिंग PMI में बढ़ोतरी नए ऑर्डर में वृद्धि, उत्पादन में बढ़ोतरी और रोजगार के स्थिर स्तरों के कारण बिजनेस की स्थितियों में सुधार को दर्शाती है।
GST Rate Cut का दिखा असर
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी के अनुसार, हाल ही में GST दरों में कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा मिला है, जबकि इनपुट लागत भी कंट्रोल में रही है। उन्होंने कहा कि नए ऑर्डर और आउटपुट दोनों जनवरी से जुलाई के बीच देखे गए औसत से ऊपर हैं। भंडारी ने कहा, "HSBC फ्लैश मैन्युफैक्चरिंग PMI में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, शायद GST दरों में कटौती के कारण, जो घरेलू मांग को सपोर्ट कर रही है और लागत के दबाव को कम कर रही है।"
टैरिफ के चलते निर्यात की चुनौतियां
अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के कारण निर्यात से संबंधित चुनौतियां बनी हुई हैं, जो नए निर्यात ऑर्डर और भविष्य के बिजनेस के प्रति आशावाद पर असर डाल रही हैं। उन्होंने बताया, "नए ऑर्डर और आउटपुट दोनों जनवरी-जुलाई के औसत स्तर से ऊपर हैं। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ का असर नए निर्यात ऑर्डर और भविष्य के आशावाद पर पड़ रहा है, जो जनवरी-जुलाई के स्तर से नीचे हैं।"
HSBC फ्लैश इंडिया कम्पोजिट आउटपुट इंडेक्स - जो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के संयुक्त प्रदर्शन को मापता है। सितंबर के 61.0 से गिरकर अक्टूबर में 59.9 हो गया। सीजनली एडजस्टेड इंडेक्स अभी भी न्यूट्रल 50-मार्क से काफी ऊपर रहा, जो धीमी गति से ही सही, लेकिन लगातार आर्थिक विस्तार का संकेत देता है। विशेषज्ञों ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में मजबूत उछाल साल की आखिरी तिमाही में घरेलू मांग और औद्योगिक गतिविधि में लगातार मजबूती का संकेत देता है।

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