बांग्लादेश के अंदरुनी झगड़े और चीन-अमेरिका में तनातनी से भारत को फायदा, हाथ में होगा 10 लाख करोड़ का मार्केट
India Apparel Export Surge चालू वित्त वर्ष 2025-26 में लगातार दूसरे महीने गारमेंट निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। इसकी बड़ी वजह अमेरिका के बाजार में चीन के गारमेंट पर भारतीय गारमेंट के मुकाबले अधिक शुल्क और बांग्लादेश में जारी घरेलू तनाव है। अंतरराष्ट्रीय गारमेंट बाजार में चीन और बांग्लादेश से भारत को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलती है।

नई दिल्ली। मई में वस्तु निर्यात में पिछले साल मई के मुकाबले 2.17 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन गारमेंट निर्यात में मई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 11.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में लगातार दूसरे महीने गारमेंट निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई और इस साल अप्रैल-मई को मिलाकर यह बढ़ोतरी 12.80 प्रतिशत की है। गारमेंट निर्यातक इसकी प्रमुख वजह अमेरिका के बाजार में चीन के गारमेंट पर भारतीय गारमेंट के मुकाबले अधिक शुल्क और बांग्लादेश में जारी घरेलू तनाव को मानते हैं।
गारमेंट को रोजगारपरक सेक्टर माना जाता है, इसलिए गारमेंट के निर्यात में बढ़ोतरी से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय गारमेंट बाजार में चीन और बांग्लादेश से भारत को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलती है। बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में आंतरिक समस्या शुरू होने के बाद भारत के गारमेंट निर्यात को प्रोत्साहन मिला है क्योंकि विकसित देशों के खरीदार बांग्लादेश की जगह भारतीय निर्यातकों से माल खरीदना पसंद कर रहे हैं और उन्हें अपने उत्पादन क्षमता में विस्तार के लिए भी प्रेरित कर र हे हैं।
US मार्केट में चीन के समान पर ज्यादा शुल्क
अमेरिका के बाजार में फिलहाल भारत की तुलना में चीन के सामान पर अधिक शुल्क है और इससे भारतीय वस्तुओं की मांग इस बाजार में बढ़ी है। अमेरिका सालाना 120 अरब डॉलर (1,03,93,39,20,00,000 रुपये) के गारमेंट का आयात करता है और इसमें चीन की हिस्सेदारी 30 अरब डालर तो भारत की 10 अरब डालर से थोड़ा कम है। शुल्क में अंतर होने से अमेरिका के बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का भारत के पास बड़ा मौका है। हालांकि कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व चेयरमैन संजय जैन कहते हैं कि अपैरल निर्यात की बढ़ोतरी का पूरा किस्सा इस बात पर निर्भर करेगा कि हमें कच्चे माल कितने सस्ते मिल पाते हैं।
भारत के पास अवसर भुनाने का मौका
सस्ती दरों पर कच्चे माल की सुगम आपूर्ति से ही निर्यात में इजाफा के इस मौके को भुनाया जा सकता है। आगामी सीजन में काटन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद काटन के मूल्य में बढ़ोतरी का अनुमान है जिससे काटन से बनने वाले गारमेंट की लागत में इजाफा होगा। बड़े पैमाने पर सस्ते दाम में मैन मेड फाइबर की उपलब्धता भी गारमेंट निर्माताओं के लिए चुनौती है।
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