और बेहतर होगा भारत का बैंकिंग सिस्टम, वर्ल्ड क्लास बैंक से सरकारी बैंकों के मर्जर पर वित्त मंत्री ने कही ये बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय बैंकों को बड़े और विश्व स्तरीय बनाने के लिए बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और सरकार देश के सरकारी बैंकों के मर्जर की दिशा में आगे बढ़ रही है।

मुंबई में वित्त मंत्री ने 12वें एसबीआई बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव को संबोधित किया।
नई दिल्ली। भारत में बैंकिंग सुधार को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय बैंकों को बड़े और विश्व स्तरीय बनाने के लिए बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रही है और सरकारी बैंकों के एकीकरण के लिए काम चल रहा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार को बैंकों के साथ बैठकर बात करनी होगी और देखना होगा कि वे इसे कैसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, "हम आरबीआई के साथ भी इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि बड़े बैंक बनाने के बारे में उनका क्या विचार है।"
मुंबई में 6 नवंबर को 12वें एसबीआई बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "मेरे हां कहने से पहले बहुत काम करना है, मैंने फैसला कर लिया है और इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।" खास बात है कि वित्त मंत्री ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब सरकारी बैंकों के मर्जर व इनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाए जाने की चर्चाएं जोरों पर है।
PSU बैंकों के मर्जर की चर्चा
दरअसल, सरकार देश के सरकारी बैंकों के मर्जर की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसमें छोटे बैंकों को बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है। इसका मकसद है कि सरकारी बैंकों के बैंकिंग परिदृश्य को सुव्यवस्थित किया जाए।
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई), बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है।

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