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    Crypto में अब तक की सबसे बड़ी चोरी, हैकर्स ने उड़ाई 1.77 लाख करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी; किम जोंग उन ने कराई चोरी?

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 08:00 PM (IST)

    उत्तर कोरिया से जुड़े हैकर्स ने इस साल 2 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चोरी की है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक साइबर चोरी का आंकड़ा है। ये जानकारी ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म एलिप्टिकऔर चैनालिसिस की नई रिपोर्ट में सामने आई है। इस चोरी में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह का किम जोंग उन का नाम सामने आ रहा है।

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    Crypto में अब तक की सबसे बड़ी चोरी, हैकर्स ने उड़ाई 1.67 लाख करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी।

    नई दिल्ली| साल 2025 में अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल चोरी सामने आई है। उत्तर कोरिया से जुड़े हैकर्स ने इस साल 2 अरब डॉलर (करीब 1.77 लाख करोड़ रुपए) की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चोरी की है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक साइबर चोरी का आंकड़ा है। ये जानकारी ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म एलिप्टिक (Elliptic) और चैनालिसिस (Chainalysis) की नई रिपोर्ट में सामने आई है।

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    रिपोर्ट में बताया गया कि किम जोंग उन की सरकार पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने और अपने न्यूक्लियर व मिसाइल प्रोग्राम को फंड करने के लिए उत्तर कोरिया अब साइबर चोरी पर तेजी से निर्भर हो गया है। सिर्फ नौ महीने में ही चोरी की गई रकम 2024 के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।

    Bybit एक्सचेंज से 1.5 अरब डॉलर की चोरी

    इस साल की सबसे बड़ी साइबर चोरी फरवरी में हुई, जब दुबई स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज बाईबिट (Bybit) से हैकर्स ने लगभग 1.5 अरब डॉलर के ईथेरियम (Ethereum) टोकन चुरा लिए। यह अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा एकल क्रिप्टो हैक माना जा रहा है। यह अकेला हमला ही इस साल की कुल चोरी का करीब 70% हिस्सा है।

    यह भी पढ़ें- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे बदल रही जिंदगी? सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शेयर करिए कहानी; मिलेगा ₹7 लाख का रिवॉर्ड!

    एलिप्टिक की रिपोर्ट बताती है कि अब तक उत्तर कोरियाई हैकर्स द्वारा चुराई गई कुल क्रिप्टो संपत्ति का मूल्य 6 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह पैसा प्योंगयांग के हथियार कार्यक्रमों का मुख्य वित्तीय स्रोत है।

    ईमेल से लेकर प्राइवेट वॉलेट तक एक्सेस किए

    2025 में इन हमलों की रणनीति में बड़ा बदलाव देखा गया है। अब हैकर्स सिर्फ एक्सचेंजों को नहीं, बल्कि अमीर निवेशकों और कंपनी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। ब्लॉकचेन विशेषज्ञों का कहना है कि अब सुरक्षा की सबसे बड़ी कमजोरी तकनीकी नहीं, बल्कि मानव तत्व है। कई हैकिंग हमलों में फिशिंग ईमेल, नकली वेबसाइट और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए लोगों से उनके प्राइवेट वॉलेट एक्सेस कराए गए।

    पर्सनल वॉलेट हैकिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा

    चैनालिसिस के मुताबिक, इस साल हुई कुल क्रिप्टो चोरी में अब पर्सनल वॉलेट हैकिंग का हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है। बाईबिट के अलावा,एलएनडी डॉट फाई (LND.fi), वू एक्स (WOO X) और सीडिफाई (Seedify) जैसे कई डेफि (DeFi) प्लेटफॉर्म भी उत्तर कोरियाई हैकर्स के निशाने पर आए हैं।

    इस हैकिंग का भारत पर क्या असर हुआ है, फिलहाल इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। कुल मिलाकर 2025 साबित कर रहा है कि अब साइबर वॉरफेयर सिर्फ सरकारों के बीच नहीं, बल्कि डिजिटल वॉलेट्स तक पहुंच चुका है। और सबसे कमजोर कड़ी, इंसान खुद बन गया है।

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