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    कस्टम ऑफिसर्स की घूसखोरी से तंग कंपनी ने बंद किया अपना बिजनेस, वित्त मंत्रालय ने बैठाई जांच

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 06:27 PM (IST)

    चेन्नई की मेसर्स विंट्रैक इंक कंपनी ने रिश्वतखोरी से परेशान होकर भारत में कारोबार बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने आरोप लगाया कि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था। वित्त मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच का आश्वासन दिया है और व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है।

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    कस्टम ऑफिसर्स की घूसखोरी से तंग कंपनी ने बंद किया अपना बिजनेस, वित्त मंत्रालय ने बैठाई जांच

    नई दिल्ली। एक कंपनी को कस्टम ऑफिसर्स ने घूसखोरी के लिए इतना तंग किया कि उसने अपना बिजनेस ही बंद कर दिया। इस कंपनी का नाम मेसर्स विंट्रैक इंक है। इसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके जानकारी दी कि 1 अक्टूबर, 2025 से कंपनी भारत में आयात/निर्यात गतिविधियां बंद कर देगी।

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    कंपनी ने बताया कि पिछले 45 दिनों से, चेन्नई के सीमा शुल्क अधिकारी हमें लगातार परेशान कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि उसे इस साल दो बार उनकी रिश्वतखोरी की गतिविधियों का पर्दाफाश करने के बाद, उन्होंने जवाबी कार्रवाई की, जिससे भारत में हमारे संचालन में बाधा उत्पन्न हुई और व्यवसाय नष्ट हो गया। अब इस पर वित्त मंत्रालय ने एक्शन लिया है। मंत्रालय ने इन आरोपों पर जांच बैठाई है।

    सरकार ने लिया संज्ञान, बैठाई जांच

    सरकार ने मेसर्स विंट्रैक इंक (चेन्नई) द्वारा उठाए गए मामले का संज्ञान लिया है। वित्त मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा कि राजस्व विभाग (DoR) को वर्तमान मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्य-आधारित जांच करने के लिए कहा गया है। राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को विस्तृत तथ्यात्मक जांच करने, संबंधित पक्षों और अधिकारियों की सुनवाई करने और सभी प्रासंगिक दस्तावेजी साक्ष्यों की गहन जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है।

    वित्त मंत्रालय ने कहा कि हाल के वर्षों में, सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने और व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करदाता चार्टर को अपनाना, फेसलेस सीमा शुल्क प्रक्रियाओं की शुरुआत और विवाद समाधान के लिए अपीलीय निकायों की स्थापना जैसी करदाता-अनुकूल पहलों की एक श्रृंखला लागू की है।

    गंभीरता से की जा रही है जांच

    इस मामले को लेकर सरकार की ओर से आगे कहा गया कि इसे अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है और सरकार कानून के अनुसार उचित और शीघ्र कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि सरकार व्यापार में सुगमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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